‘मिशन अयोध्या’ से निकलेगा सत्ता का रास्ता(अयोध्या’ )
अयोध्या: अयोध्या (अयोध्या’ ) में श्रीराम मंदिर अपनी पूर्णता के करीब है. भव्य और दिव्य राम मंदिर में श्रीराम के बाल रूप के नूतन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा में अब एक महीने से भी कम का समय शेष है. हर दिन के साथ राम मंदिर की नई तस्वीरें सामने आ रही हैं जो मंदिर की नव्यता, भव्यता और दिव्यता को दिखाती हैं. पूरी अयोध्या उत्सव के लिए तैयार हो रही है. जरा सोचिए अयोध्या पहुंचने वाले राम भक्त और श्रद्धालुओं के मन में कैसा आनंद और उत्सव का माहौल होगा. 22 जनवरी को इतिहास में यादगार बनाने के लिए नई तैयारियां और प्लान बनाए गए हैं लेकिन उससे पहले बात सियासत की.
राम मंदिर को बीजेपी अपनी सबसे बड़ी सफलता के तौर पर दर्शाती है और माना जा रहा है कि 2024 के चुनाव में यही राम मंदिर बीजेपी की सियासी नैया को पार करने का सबसे बड़ा माध्यम बन सकता है. हो सकता है बीजेपी राम मंदिर को आधार बनाकर जनता के सामने वोट मांगने जाए क्योंकि ये उनके मेनिफेस्टो के सबसे बड़े मुद्दों में से एक है. और संकेत भी कुछ इस प्रकार के मिलने लगे हैं. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक 2024 के चुनाव में बीजेपी राम मंदिर को बड़ा मुद्दा बनाकर जनता के सामने वोट मांगने जाएगी.
बीजेपी ने कार्यकर्ताओं को दिए ये निर्देश
इसी रणनीति पर बीजेपी के सूत्रों से हवाले से भी बड़ी खबर आई है, जिसमें बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने हाल ही में हुई बैठक में अपने कार्यकर्ताओं को कई निर्देश दिए हैं, इसके मुताबिक- बीजेपी ने राम मंदिर पर क्या-क्या प्रयास किए हैं, कितनी लड़ाई लड़ी है, कितना योगदान दिया है, उसकी जानकारी वाली बुकलेट घर-घर तक पहुंचाई जाए.
इसके अलावा राम मंदिर का जिन्होंने विरोध किया, उनके बारे में जनजागरण अभियान चलाकर लोगों को बताएं. इसके लिए शहर ही नहीं गांव गांव जाकर पवित्र अक्षत बांटे जाएंगे और मंदिरों में दीप जलाए जाने का कार्यक्रम किया जाएगा. ये भी तय हुआ है कि राम मंदिर के काम में जुटे VHP,RSS के कार्यकर्ताओं के साथ मंदिर के प्रचार- प्रसार में पूरा सहयोग किया जाए…ताकि समय से सभी कार्य पूरे सकें.
एक तीर से दो निशाने साधेगी बीजेपी
यानि राम मंदिर पर अपने कार्यकर्ताओं के जन जागरण कार्यक्रम के जरिए बीजेपी एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रही है. एक तरफ बीजेपी ये बताना चाहती है कि कैसे उसने शुरुआत से ही राम मंदिर को अपना मुख्य मुद्दा बनाकर रखा. उस पर जतन से कार्य किया और आज उसे पूरा करने में भी योगदान कर रही है. बीजेपी ये जरूर दिखाना चाहेगी कि बहुत से विरोधों के बीच बीजेपी ही ऐसी पार्टी है, जो राम मंदिर के मुद्दे पर हमेशा एकमत रही है और इसी को आधार बनाकर वो विरोधियों को घेरने की पूरी तैयारी में है.