चीन (China)में लगातार घट रही है शादियों की संख्या
बीजिंग: चीन (China) के युवा लगातार जीवन के अहम फैसलों को टाल रहे हैं या स्थगित कर रहे है. इस वजह से वहां विवाह दर में रिकॉर्ड कमी देखी गई है. इसकी वजह चीन की सुस्त अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, कॉरपोरेट में छंटनी है, जिसने युवा पीढ़ी को इस तरह के फैसले लेने पर मजबूर कर दिया है.
ग्रेस झांग एक टेक वर्कर हैं जो लंबे वक्त से शादी को लेकर उहापोह में थी. पिछले साल संघाई के लॉकडाउन के दौरान दो महीने उन्होंनें बेरीकेड वाली जगह में बिताए. और अब जब वह लॉकडाउन से बाहर आईं तो शादी को लेकर उनका उत्साह फीका पड़ चुका है.
जब दिसंबर में चीन फिर से जनता के लिए खुला, तब झांग को अहसास हुआ कि दफ्तर में दोबारा लौटने के बाद शायद उन्हें फिर से पॉजिटिव एनर्जी मिले और वह खुद को समझा सकें लेकिन वहां भी बढ़ती छंटनी ने उनके असमंजस को और बढ़ा दिया. उनके पिता उन्हें बार बार चेताते हैं कि अब शादी करने का वक्त हो गया है, उन्हें घर बसा लेना चाहिए. झांग का एक प्रेमी भी है लेकिन अब उन्हें शादी करने की कोई जल्दी नहीं है. वह कहती हैं कि, जीवन में इस तरह की अस्थिरता लोगों को जिंदगी में कोई नया बदलावे लाने के मामले में और डरा देती है.
चीन में शादी की संख्या में पिछले 9 साल से लगातार कमी आ रही है. यह एक दशक में घट कर आधी रह गई है. पिछले साल करीब 68 लाख जोड़ों ने शादी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. 1986 में रिकॉर्ड की शुरुआत के बाद से सबसे कम है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2013 में यह आंकड़ा 1 करोड़ 35 लाख था, हालांकि पिछले साल की तुलना में 2023 में आंकड़ों में अब तक बढ़ोतरी देखी गई है. पिछले साल की तुलना में इस साल की पहली तिमाही में 40,000 ज्यादा जोड़ों ने शादी रचाई जबकि 1,27,000 ज्यादा जोड़ों ने तलाक लिया.
आंकड़ों से पता चला है कि युवा लोग चीन की कठोर शिक्षा प्रणाली में बच्चे को शामिल करने के बोझ से डरते हैं. जैसे-जैसे शहरों में महिलाएं आर्थिक तौर पर स्वतंत्र हो रही हैं और शिक्षा के नए स्तर हासिल करती हैं, शादी उनके लिए एक आर्थिक जरूरत से ज्यादा कुछ नहीं रह गई है. वहीं पुरुषों का कहना है कि जहां उन्हें डेटिंग शुरू करने से पहले घर और कार रखने का सामाजिक दबाव होता है ऐसे में शादी वह बिल्कुल भी संभाल नहीं सकते हैं.
चीन में बढ़ती अस्थिरता से युवा सोच बदली
पिछले तीन साल की अस्थिरता ने इन दबावों को और बढ़ा दिया है, जिससे परिवार बनाने को लेकर कई युवाओं की सोच बदल गई है. चीन ने अपने नेता जी जिनपिंग के नेतृत्व में समाज के हर पहलू पर अपनी पकड़ मजबूत की है, जिसका असर शादियों पर भी पड़ सकता है. ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ शोधार्थी शियुजियान पेंग कहते हैं “अगर युवा भविष्य को लेकर आश्वस्त नहीं हैं, तो उनके लिए घर बसाने और शादी करने के बारे में सोचना बहुत मुश्किल है.”
चीन में, जहां अविवाहित जोड़े या एकल व्यक्ति के लिए बच्चे रखना बहुत कम देखने को मिलता है. ऐसे में देश में शादी में कमी की वजह से जन्मदर पर भी असर पड़ा है. पिछले साल चीन की आबादी 1960 (जब भयानक अकाल पड़ा था) के बाद कम हुई है.
शादी से सावधान
पिछले महीने, एक वीडियो, जिसमें एक चीनी व्यक्ति को घरेलू विवाद के बाद अपनी कार से बार-बार अपनी पत्नी को कुचलते हुए दिखाया गया था, ने इस शादी को चीन के माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट, वीबो पर चर्चा में ला दिया था. ऐप पर महिलाओं को शादी न करने की चेतावनी देने वाली टिप्पणियों की बाढ़ आ गई. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, शादी को अस्वीकार करने के बारे में हाल ही में वीबो हैशटैग को 92 मिलियन बार देखा गया, जिसे लेकर लोगों विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के तलाक और घरेलू हिंसा कानूनों में महिलाओं के लिए सुरक्षा की कमी की वजह से ऐसा हो रहा है.
ज्यादा पुरुष होने से शादी को लेकर प्रतिस्पर्धा
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, इरविन में समाजशास्त्र के प्रोफेसर वांग फेंग के विश्लेषण के मुताबिक, शहरी चीन में 25 से 29 वर्ष की ऐसी महिलाएं जिन्होंनें कभी शादी नहीं की, उनकी संख्या 2000 में 8.6 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 40.6 प्रतिशत हो गई. कई पुरुषों का कहना है कि शादी में वह इसलिए देरी कर रहे हैं क्योकि वह आर्थिक रूप से असुरक्षित महसूस करते हैं. चूंकि चीन में लड़के को सामाजिक प्राथमिकता दी जाती है इस वजह से सरकार की एक बच्चे की नीति जिसे 2016 में खत्म कर दिया गया था. महिलाओं की तुलना में साढ़े तीन करोड़ पुरुष ज्यादा है. जिसकी वजह से शादी को लेकर आर्थिक प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ रही है.