अपराध

आईफोन लूटकर झुठला दीं पत्रकार की ख़बरें ,सब मोबाइल फोन में समाहित होता है !

आशीष मिश्रा निष्पक्ष और जुझारू पत्रकार हैं। देश की सबसे बड़ी पत्रिका इंडिया टुडे के यूपी हैड हैं। सरकारी बयानों और आकड़ों की नहीं मानिए तब भी जमीनी पड़ताल बताती है कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बहुत बेहतर हुई है। इस सच को आशीष मिश्रा की खबरें और विश्लेषण भी बयां करते रहे हैं। शायद चोर-उचक्कों को आशीष जी की खबरें पसंद नहीं आई और ऐसे खबरों को गलत साबित करने के लिए एक लुटैरा सरेआम आशीष का आईफोन छीन कर भाग गया। गोयाकि चोर की मंशा बेहतर क़ानून व्यवस्था की खबरों को झुठलाना हो।

गौरतलब है कि पहले की तरह अब पत्रकार कलम से नोटबुक पर खबर नोट नहीं करता। मोबाइल फोन ही उसकी नोटबुक भी है और कलम भी। आशीष जी ने इंडिया टुडे में यूपी की बेहतरीन कानून व्यवस्था पर कई स्टोरी पैकेज तैयार किए। अधिकारियों और नेताओं के बयान और आकड़े ही नहीं जमीनी पड़ताल में आम जनता का वो फीडबैक भी इस मोबाइल में नोट किया होगा या रिकार्ड किया होगा जो अपराध मुक्त यूपी की बात करता है।

चोर ने एक झपट्टा मार कर सिर्फ आईफोन ही नहीं छीना, अपराध मुक्त यूपी की बात करने वाली खबरों को भी झुटलाने का दुस्साहस किया। मोबाइल फोन महंगा या सस्ता हो तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ता पर मोबाइल गायब हो जाए, नष्ट हो जाए या चोरी हो जाए तो बहुत फर्क पड़ता है। ज़िन्दगी थप जाती है और सांसे अटक जाती हैं। क्योंकि मोबाइल फोन हमारा कलम भी है, नोटबुक,कापी,किताब, हिसाब, रिकार्ड,पर्स,बटुआ, संपर्क,आफिस,घर रिश्ते…. सब मोबाइल फोन में समाहित होता है।

आईफोन लूटकर झुठला दीं पत्रकार की ख़बरें !

इंडिया टुडे के स्टेट हैड आशीष मिश्रा बीते शुक्रवार लखनऊ के केजीएमयू में किसी मरीज को देखकर ई रिक्शे से लौट रहे थे। कोई स्कूटी सवार लुटैरा उसके हाथ से उनका आईफोन छीनकर भाग गया। आशीष जी ने ये जानकारी अपनी फेसबुक वाल पर दी है। जिसपर दिलचस्प कमेंट आ रहे हैं। कोई लिख रहा है कि चोर ने मोबाइल ले कर बहुत गलत बयाना ले लिया है। किसी ने लिखा कि आशीश बड़े पत्रकार है उनका करीब एक लाख का नुक़सान बड़ा नुक्सान नहीं है किंतु अपराध मुक्त का ढोल पीटने वाली सरकार और यूपी पुलिस की साख का बड़ा नुक्सान हुआ है।

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