उत्तर प्रदेश

गाँव की आपसी रंजिश ने तीन निर्दोष युवकों को बना दिया गेंगरेप का आरोपी हादसे में दिब्यांग युवक भी बनाया गया सामहिक दुष्कर्म का आरोपी !

इटावा -( सैफई) – थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिक छात्रा को एक बिजली मिस्त्री की अनुपस्थिति में उसके आवास में ले जाकर उसके साथ मौज मस्ती करने वाले युवक की बदमाशी की सजा मकान मालिक और उस लड़की के गांव के दो निर्दोष युवकों सहित कुल तीन लोगों को भुगतनी पड़ रही है। इनमें पकड़ा गया एक युवक दिव्यांग है जिसका पिछले साल एक्सीडेंट हो चुका है। मालूम हो कि गत 27 जुलाई को यहां थाने में एक गांव की छात्रा के पिता ने परिजनों के साथ पहुंचकर उसकी बेटी के साथ अश्लीलता करने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद कामिल ने तत्काल सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया था और आरोपियों की तलाश की जा रही थी। इस बीच मामला प्रधानी की रंजिश से जुड़ा तो पीड़िता के परिजनों को एक पूर्व प्रधान ने अपने एक अधिवक्ता के जरिये इसमें अपने विरोधियों को फंसाने का षड़यंत्र रचा और उसके बाद बुधवार को इस मामले में मीडिया के जरिये तूल देकर पहले उस लड़की को सैफई मेडीकल यूनिवर्सिटी में बीमारी के नाम पर भर्ती कराया गया बाद में उसका मेडीकल कराया गया।

तब इस मामले को गेंगरेप के रूप में तूल दिया गया। बताया जाता है कि मामला पकड़े गये आरोपी पुष्पेंद्र सिंह पुत्र महेंद्र सिंह के प्रेम प्रसंग का था जिसमें उसने आरोपी बनाये गये राजू बाथम के आवास पर जिसमें बिजली मरम्मत का काम भी होता है उसमें लड़की को ले जाकर बैठाया था और उस समय आरोपी राजू बाथम अपनी कार को रमैयापुरा गांव के पास धुलाई सेंटर पर धुलवा रहा था। जब लड़की के परिजनों को गांव के ही एक युवक द्वारा यह बता दिया गया कि उसकी लड़की अमुक लड़के के साथ है तो घर वाले वहां पर आ गये और हंगामा होने लगा मगर तब तक फोन किये जाने पर राजू वहां पर आ गया और वह उस लड़की को अपनी मकान से लेकर स्कूल में छोड़ आया तथा उस युवक की पिटाई करके उसे वहां से काम सीखने से मना कर दिया गया।

प्रभारी निरीक्षक मो. कामिल ने इस बात की पुष्टि की कि जब लड़की के परिजन उसे लेकर थाने आये तो जो उन्होंने कहा उसी के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया लेकिन बाद में इस मामले को इतना तूल दिया गया कि तीन अन्य युवक भी गेंगरेप के आरोपी बना दिये गये,हालांकि एसएसपी संजय वर्मा ने लड़की से महिला पुलिस अफसरों के सामने बात की थी। लेकिन पूर्व प्रधान ने अपने अधिवक्ता के जरिये तिल का ताड़ बनाया गया और आज पुलिस लाइन में मीडिया के सामने पेश किये गये पकड़े गये दो आरोपियों में से एक राजू बाथम के दिव्यांग होने के बाद भी गेंगरेप में शामिल होने का सबाल उठाया गया तो पुलिस अफसर सही जबाव नहीं दे पाये वरन यह कहा कि घटना राजू के आवास की ही थी इससे कोई इंकार भी नहीं कर रहा है लेकिन गांव की राजनीति में तीन युवकों को निर्दोष कानून का फंदा लगा दिये जाने की घटना से हर कोई स्तब्ध है।

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