अंतराष्ट्रीय

स्पेस में रेडियो तरंगों (radio waves ) के मिलीसेकेंड

बीजिंग. खगोलविदों ने 3 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक बौनी आकाशगंगा से निकलने वाले रहस्यमय और तेज रेडियो बर्स्ट (Radio Burst) की गुत्थी सुलझा ली है. नए शोध के अनुसार, हाल के वर्षों में रेडियो बर्स्ट के अन्य डिटेक्शन की तुलना में यह ब्रह्मांडीय वस्तु बेहद अलग है. स्पेस में रेडियो तरंगों*(radio waves )  के मिलीसेकेंड लंबे बर्स्ट को फास्ट रेडियो बर्स्ट या एफआरबी कहते हैं. अकेले रेडियो बर्स्ट सिर्फ एक बार निकलते हैं और रिपीट नहीं होते, लेकिन बार-बार निकलने वाले फास्ट रेडियो बर्स्ट से लगातार छोटी और एनर्जेटिक रेडियो तरंगें बाहर निकलती रहती हैं.
सीएनएन की खबर के अनुसार खगोलविद अपनी घरेलू आकाशगंगाओं में कुछ रेडियो बर्स्ट का पता लगाने में सक्षम हैं लेकिन उन्हें अभी तक इनके पीछे के वास्तविक कारण का पता नहीं चल पाया है. इन चमकदार और तीव्र रेडियो उत्सर्जन की उत्पत्ति के बारे में अधिक जानने से वैज्ञानिकों को इनके पीछे के असली कारण को समझने में मदद मिल सकती है. खगोलविदों ने FRB 190520 नाम के ऑब्जेक्ट का पता लगाया था, जब 20 मई 2019 को इससे रेडियो तरंगों का बर्स्ट निकला था.

2019 में हुई थी बर्स्ट की खोज
शोधकर्ताओं ने चीन में फाइव-हंड्रेड-मीटर अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलिस्कोप का इस्तेमाल किया था और नवंबर 2019 में टेलिस्कोप डेटा में विस्फोट की खोज की गई थी. इसके बाद कई बार ऑब्जर्वेशन करने पर खगोलविदों को कुछ अजीबोगरीब दिखा. ऑब्जेक्ट से बार-बार रेडियो तरंगों का बर्स्ट निकल रहा था. 2020 में टीम ने हवाई सुबारू टेलिस्कोप का इस्तेमाल करने से पहले बर्स्ट की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए VLA टेलिस्कोप का इस्तेमाल किया.

बौनी आकाशगंगा से आ रहा था बर्स्ट
विजिबल लाइट में सुबारू की खोज में सामने आया कि बर्स्ट दूर स्थित एक बौनी आकाशगंगा के बाहरी इलाके से आया था. यह अध्ययन बुधवार को नेचर नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. वीएलए की जांच में सामने आया कि खगोलीय पिंड बर्स्ट के बीच कमजोर रेडियो तरंगों को भी छोड़ता है. नई खोज ने नए सवालों को जन्म दिया है क्योंकि अब खगोलविदों का मानना है कि दो तरह के एफआरबी हो सकते हैं

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