जीर्ण शीर्ण हो रहा प्राचीन ईटो से निर्मित मध्यकालीन विष्णु मंदिर पुरातत्व विभाग द्रोरा है संरक्षित 1964 मे किया था अधिग्रहण राष्ट्रीय महत्व संस्मारक वाला स्थान है घोषित !
विचार सूचक – फतेहपुर – विरासत में मिली धरोहर किसी समाज व जिले के लिए उसकी पूंजी होती है l फतेहपुर में ऐसे तमाम इस साल है जो धरोहर के रूप में विकसित होने की राह देख रहे हैं l प्राचीन मंदिर वकील ए भी जिले की शान बढ़ाते हैं जो अब जीर्ण शीर्ण होते जा रहे हैं l डीएम कार्यालय में जिसकी तस्वीर लटकती है वह बिंदकी तहसील के तेंदुली गांव में मध्यकालीन शैली पर बना भगवान विष्णु का देवालय भी उसमें से एक है l यहां पर स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा को क्षेत्र में चतुर्भुजी बाबा के नाम से जाना जाता है l
प्राचीन की ईंटों से निर्मित मंदिर की कंगूरे दार छत अनूठी वास्तुकला की मिसाल पेश कर रही है l इस मंदिर में ही तो पर की गई नक्काशी देखने लायक है l गर्भ ग्रह में कलम पर खड़ी प्रतिमा आस्था- मुक्ति का केंद्र बनी हुई है l भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने मंदिर की प्राचीनता व वास्तुकला को देखते हुए वर्ष 1996 में इस मंदिर को अधिग्रहण किया था l इस मंदिर को कोई भी तोड़ नहीं सकता है यदि कोई क्षति पहुंचाता पाया जाता है तो उस पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी किया जा सकता है l पूर्वाभिमुख देवालय का बाहरी हिस्सा पुरानी ईट का बना हुआ है l
चतुर्भुजी भगवान विष्णु का है मंदिर
गर्भ गृह में कमल के आकार में बने चबूतरे में भगवान विष्णु की चारभुजा वाली खड़ी मूर्ति स्थापित है l यह माना जा रहा है कि यह मंदिर 18वीं शताब्दी का बना हुआ है l जिसमें वास्तु का अनूठा संगम है l मंदिर के साथ एक द्वार मंडप बना हुआ है l जिस में इस्लामी वास्तु का प्रभाव झलक रहा है l चतुर्भुजी बाबा के नाम से चर्चित इस मंदिर गांव की ही नहीं आसपास के गांव की आस्था जुड़ी हुई है l
जीर्ण शीर्ण हो रहा तेंदुली का मंदिर
रखरखाव के अभाव के कारण चतुर्भुजी विष्णु मंदिर प्राचीनता का गवाह है l मंदिर जीर्ण शीर्ण होता जा रहा है l मंदिर का वास्तु कला को सहेजने के कोई प्रयास ना करने से ग्रामीणों में रोष है l युवा विकास समिति के जिला प्रवक्ता आलोक और कहते हैं कि मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन होने से इस मंदिर में कोई नया निर्माण कार्य भी नहीं करवाया जा सकता है l इसलिए विभाग को चाहिए कि भगवान विष्णु के प्राचीन मंदिर को नया रूप दें l
जय विष्णु मंदिर जिले की धरोहर है l इसमें उपयोग की गई ईट व कंगूरीदार छत की नक्काशी के मध्यकालीन शैली के दर्शन होते हैं l