उत्तराखंड

दुर्मी गौड़ाताल स्थिति झील का होगा पुनर्निर्माण

निजमुला घाटी स्थित दुर्मी-गौणा ताल (बिरही ताल) के पुर्ननिर्माण को लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दिए गए निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने प्रयास तेज करते हुए उसके भूगर्भीय सर्वेक्षण की बात कही है जिला अधिकारी स्वाति भदौरिया ने कहा कि दुर्मीताल के पुर्ननिर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र शासन को भेजा जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत दुर्मी-गौण ताल को पुर्नजीवित करने की व्यक्तिगत इच्छा जाहिर कर चुके है। उन्होंने क्षेत्रवासियों के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए भरोसा दिलाया है कि इस ताल को पुर्नजीवित करने के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था भी की जाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के व्यक्तिगत रूचि के बाद जिला अधिकारी स्वाति भदौरिया ने क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया गया है तथा कहा कि शीघ्र ही यहां का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने के बाद दुर्मीताल के पुर्नजीवित करने के लिए प्रोजक्ट तैयार कर शासन को उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि दुर्मीताल को पुर्नजीवित करने से पहले यहाॅ पर तत्काल जो काम हो सकते है, उनको शुरू कराया जाएगा। इसमें ट्रैक मार्ग का सौन्दर्यीकरण, म्यूजियम निर्माण और साइट डेवलपमेंट के तहत कैपिंग साईट, व्यूप्वाइंट बनाने का काम शीघ्र शुरू किया जाएगा। कहा कि भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने के बाद प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि दुर्मी-गौणा ताल एक सुन्दर पर्यटन स्थल बन सकता है और यहां पर्यटन की आपार सभावनाएं है। इस क्षेत्र के आसपास लाॅर्ड कर्जन ट्रैक, क्वारीपास, सप्तकुंड, तडाग ताल जुड़े है। यहाॅ से नंदा घुघंटी एवं त्रिशूल पर्वत का सुदंर नजार भी दिखता है और दुर्मी-गौणा ताल के असत्वि में आने से इस क्षेत्र को भरपूर लाभ मिलेगा।

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