रूह कंपा देगी 24 साल की लड़की की कार्डिएक (heart.)अरेस्ट की घटना
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कार्डिएक अरेस्ट : ब्रिटनी विलियम जब महज 24 साल की थीं तब उसने मौत का सामना किया था. उसे कार्डिएक(heart.) अरेस्ट हुआ था. ब्रिटनी लगभग मौत के मुंह में चली गई थी लेकिन डॉक्टरों की तत्परता ने उसे जिंदा कर दिया. ब्रिटनी विलियम ने जब अपनी यह कहानी सुनाई तो सुनने वाले के रोंगटे खड़े हो गए. दरअसल, कोई भी यह यकीन करने को तैयार नहीं होता है कि 24 साल की उम्र में किसी को हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट हो सकता है. कार्डिएक अरेस्ट में हार्ट पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है. अगर कुछ मिनटों में डॉक्टर के पास मरीज नहीं पहुंचता तो मौत तय हो जाती है.
ब्रिटनी विलियम को अस्पताल पहुंचने के दो दिन बाद होश आया. नौ साल के बाद ब्रिटनी ने अपनी वो रूह कंपा देने वाली कहानी सुनाई जो बेहद खतरनाक थी. वास्तव में ब्रिटनी ने हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट के कई लक्षणों को पहले नजरअंदाज कर दिया था.
बॉस ने उड़ाया मजाक
टीओआई की खबर के मुताबिक कार्डिएक अरेस्ट से कुछ दिन पहले जब ब्रिटनी ने अपने बॉस को इस तरह के संकेतों के बारे में बताया तो उन्होंने ब्रिटनी का मजाक ही उड़ाया. बॉस ने कहा, “तुम 24 साल की हो. हर दिन पांच मील चलती हो, हेल्दी खाना भी खाती हो, तुम्हें हार्ट से संबंधित बीमारियां हो ही नहीं सकती”. लेकिन ब्रिटनी ने इंटरनेट से कार्डिएक अरेस्ट, हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर के लक्षणों को जब खुद के लक्षणों से मिलान किया तो सही पाया. हालांकि अंत में उसने भी इन संकेतों को नजरअंदाज कर दिया था और उस दिन डॉक्टर के पास नहीं गई थी. इस घटना के सिर्फ तीन दिन बाद ही ब्रिटनी न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर के रेस्टोरेंट में अचानक बेहोश होकर गिर गई. सूचना मिलने पर जैसे ही उसके माता-पिता वहां पहुंचे ब्रिटनी उनकी गोद में गिर गई और आंखे उलट गई. वह लगभग मौत की स्थिति में पहुंच गई थी.
कार्डिएक अरेस्ट से कुछ पहले के ये थे संकेत
ब्रिटनी ने बताया, “मैं ऑफिस में थी. अचानक शरीर के बाएं तरफ सनसनी महसूस हुई. ऐसा लगा कि झुनझुनी हो रही. फिर सुन्नपन का अनुभव किया. मैं चेयर से उठ गई. सोचा कुछ हल्का हो जाएगा. लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ और यह बढ़ता ही गया. मैंने इंटरनेट पर सर्च किया और अपने बॉस को बताया. बॉस ने कहा तुम्हें ये सब नहीं हो सकता. लेकिन मेरी बदकिस्मती थी कि सिर्फ तीन दिन बाद ही मैं टाइम्स स्क्वायर के रेस्टोरेंट में बेहोश हो गई.” इसके बाद ब्रिटनी को अस्पताल पहुंचाया गया जहां दो दिन बाद उसे होश आया. ब्रिटनी ने पहले से ही कई संकेतों को नजरअंदाज कर दिया था.
क्या होता है कार्डिएक अरेस्ट
फॉर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली में इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नित्यानंद त्रिपाठी बताते हैं कि कार्डिएक अरेस्ट में अचानक हार्ट का फंक्शन ही बंद हो जाता है और दिल का अचानक धड़कना भी बंद हो जाता है. मरीज बहुत जल्दी बेहोश हो जाता है. यह स्थिति मौत के बराबर है. कुछेक मामले में मेडिकल इंटरवेंशन होने के बाद मरीज बच सकता है. अगर मरीज को तुरंत सीपीआर दे दिया गया है तो बचने की संभावना ज्यादा रहती है. दरअसल, आर्टरीज या शिराओं में ब्लोकेज, नसों का बहुत पतला होना जैसे कई कारणों की वजह से कभी-कभी हार्ट एकदम काम करना बंद कर देता है. यह कार्डिएक अरेस्ट है.
कार्डिएक अरेस्ट के शुरुआती संकेत
कार्डिएक अरेस्ट से पहले शरीर में मामूली संकेत दिखते हैं. इसमें छाती में भारीपन, सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलना, कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. लेकिन कार्डिएक अरेस्ट से कुछ समय पहले अचानक दिल फड़कने लगता है या दिल में सनसनी, झुनझुनी की तरह होने लगता है जैसा कि ब्रिटनी को हुआ. ब्रिटनी ने शरीर में जब झुनझुनी का अनुभव किया तो उन्होंने अपने बॉस को बताया लेकिन बॉस के कहने पर उसने इसे नजरअंदाज कर दिया. इस तरह के संकेतों को आप कभी भी नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर से मिलें.