हाइवे पर सड़ रहे बागवानों की मेहनत

श्रीनगर । कश्मीर (Hard work) से सीजन में रोज 2,000 ट्रक सेब निकलते, हाइवे पर खड़े ट्रकों में सेब खराब हो गए हैं। हाइवे पर फंसने के बाद मंडी में जाते हैं तो अपने-आप ही दाम गिर जाते हैं। प्रशासन का तर्क है कि हाइवे को भूस्खलन और निर्माण कार्य के कारण बंद करना पड़ता है। हाईवे के ट्रैफिक एसएसपी को हटा दिया गया है। लेकिन, बागवानों का कहना है कि इससे भी हालात (Hard work) नहीं सुधरे हैं।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने इसे आर्थिक आतंकवाद बता रही हैं।एएफएफआई ने केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों को एक किलो सेब के लिए कम से कम 60 रुपए मिलने चाहिए। एएफएफआई के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर प्रशासन खुद भी बागवान से कम दाम में सेब खरीद रहा है।श्रीनगर के एक बागवान ने बताया कि एक बड़े ट्रक में सेब की 1,200 पेटी आती हैं।
हर पेटी में कम से कम 20 किलो सेब होते हैं। तीन दिन सेब फंसा रहे तो हर पेटी पर 300-400 रुपए का नुकसान हो रहा है। राजमार्ग जानबूझकर बाधित किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, बड़ी कंपनियों के पास कोल्ड स्टोरेज की सुविधा है, जो छोटे व्यापारियों और बागवानों के पास नहीं है।