दिव्यांगों का सहारा बनी सरकार, पेंशन योजना से बदल रही जिंदगियां -18 वर्ष व उससे अधिक की आयु के सभी दिव्यांगों को मिल रहा पेंशन योजना का लाभ -गत वित्तीय वर्ष में अयोध्या के 10 हजार से अधिक लाभार्थियों के खातों में भेजे जा चुके हैं 4.23 करोड़ रुपए

अयोध्या -: योगी सरकार ने दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए एक मजबूत कदम उठाया है, जिसके तहत राज्य के 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी पात्र दिव्यांगों को पेंशन योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से न केवल दिव्यांगों को आर्थिक सहायता मिल रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्राप्त हो रहा है। खासकर अयोध्या में इस योजना ने हजारों दिव्यांगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। गत वित्तीय वर्ष में अयोध्या जिले में 10,000 से अधिक लाभार्थियों को 4.22 करोड़ रुपये की धनराशि पेंशन के रूप में वितरित की जा चुकी है। प्रत्येक लाभार्थी को प्रतिमाह 1000 रुपये की पेंशन प्रदान की जा रही है, जो उनके छोटे-मोटे खर्चों को पूरा करने में मददगार साबित हो रही है।
योजना का उद्देश्य और प्रभाव योगी सरकार द्वारा संचालित इस दिव्यांग पेंशन योजना का मुख्य उद्देश्य उन व्यक्तियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जो शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षमता के कारण अपनी आजीविका स्वयं नहीं कमा सकते। यह योजना 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए लागू की गई है। इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाती है।
अयोध्या में इस योजना ने न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले दिव्यांगों को राहत पहुंचाई है, बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। अयोध्या जिले में गत वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 10 हजार 404 दिव्यांग लाभार्थियों को शामिल किया गया। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, जिले में कुल 4.23 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की गई, जिसने हजारों परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान किया। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां रोजगार के अवसर सीमित हैं, यह पेंशन राशि दिव्यांगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। जिले के विभिन्न विकास खंडों, जैसे रुदौली, मवई, और मसौधा में योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों ने इसका लाभ उठाया।
योजना का प्रभाव केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिव्यांगों के जीवन में वास्तविक बदलाव ला रही है। अयोध्या के रुदौली ब्लॉक के रहने वाले 35 वर्षीय राम प्रकाश, जो जन्म से ही दृष्टिबाधित हैं, कहते हैं, पेंशन की राशि ने मुझे अपने छोटे-मोटे खर्चों के लिए दूसरों पर निर्भर होने से बचाया है। अब मैं अपनी दवाइयों और अन्य जरूरतों को पूरा कर पाता हूं।” इसी तरह, मवई की 42 वर्षीय शांति देवी, जिनके दोनों पैर काम नहीं करते, बताती हैं कि यह योजना उनके लिए आर्थिक और मानसिक सहारा बनी है।आगे की राह और चुनौतियां हालांकि योजना ने कई जिंदगियों को रोशनी दिखाई है, फिर भी कुछ चुनौतियां बरकरार हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में तकनीकी कठिनाइयों के कारण कुछ पात्र व्यक्ति अभी भी योजना से वंचित हैं। विभाग ने इन समस्याओं के समाधान के लिए हेल्पलाइन नंबर और जागरूकता शिविरों का आयोजन शुरू किया है। साथ ही, भविष्य में पेंशन राशि में वृद्धि की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं, ताकि लाभार्थियों को और अधिक सहायता मिल सके। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी चंद्रेश त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल दिव्यांगों के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि सामाजिक समावेशन और समानता के लक्ष्य को भी मजबूती प्रदान करती है। अयोध्या जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले जिले में इस योजना का सफल कार्यान्वयन सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।