जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले विकास कायर्क्रमों की समीक्षा बैठक की , अस्थाई गौशालाओं के संचालन, निगरानी हेतु संचालन समिति का गठन किया जाये, समिति में ग्राम प्रधान, सचिव, पशुपालन विभाग के चिकित्सकों को अनिवार्य रूप से रखा जाये :- जिलाधिकारी
मैनपुरी – ( रामजी लाल गोस्वामी) – जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने मुख्यमंत्री जी के प्राथमिकता वाले विकास कायर्क्रमों की समीक्षा के दौरान कहा कि जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुचे, किसी भी अपात्र व्यक्ति को शासन की योजना का लाभ न मिले। उन्होने कायर्दायी संस्थाओं के अभियंताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि निमार्ण कार्यो की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाये, निमार्ण कार्यो में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए, मानकों की अनदेखी करने, अद्योमानक कार्य पाए जाने पर संबंधित कायर्दायी संस्था के अभियंता की जिम्मेदारी तयकर वैधानिक कायर्वाही होगी। जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं तत्काल संबंधित विभाग को हैंडओवर किया जाए। जिन परियोजनाओं पर धनराशि उपलब्ध नहीं है, उन पर शेष धनराशि अबमुक्त कराने हेतु पत्राचार किया जाए। उन्होंने परिवार नियोजन की समीक्षा के दौरान मण्डल में जनपद की रैकिंग डी. श्रेणी में पाये जाने, डी. श्रेणी में होने के कारणों की जानकारी करने पर संतोषजनक उत्तर न देने पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनिल कुमार को चेतावनी जारी करने के निदेर्श देते हुये तत्काल परिवार नियोजन की प्रगति में सुधार लाने को कहा। उन्होंने गोल्डन कार्ड की प्रगति भी ठीक न पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए गोल्डन कार्ड की प्रगति सुधारने के लिए प्रभावी कायर्वाही करने के आदेश दिये।
श्री सिंह ने समीक्षा के दौरान माइनरों में करायी गयी सिल्ट-सफाई के कार्यो का निधार्रित मानक, लक्ष्य के अनुसार सत्यापन न पाये जाने पर अधिशाषी अभियंता सिंचाई संजय मित्तल का स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निदेर्श देते हुये कहा कि तत्काल निधार्रित लक्ष्य के सापेक्ष थर्ड पार्टी से सत्यापन कराया जाये, कहीं भी माइनरों की साइडों में सिल्ट न रहे, निधार्रित टेल तक सभी नहरों में रोस्टर के अनुसार पानी पहुंचे, किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होने कहा कि पाईप पेयजल योजनाएं क्रियाशील रहें, हर घर तक नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए साथ ही उपभोक्ताओं से निधार्रित यूजर चार्ज के तौर पर रू. 50 की वसूली भी की जाए। उन्होने जानकारी करने पर पाया कि अभी तक पाईप पेयजल योजना में 40 प्रतिशत कनेक्शन उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराये गये हैं, जिस पर उन्होने खंड विकास अधिकारियों को निदेर्शित करते हुये कहा कि अपने-अपने ब्लाॅक के 02-02 गांवों में शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं को कनेक्शन उपलब्ध कराये जायें तथा अन्य गांवों में अगले माह तक 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं को कनेक्शन उपलब्ध कराये जायें, सुनिश्चित किया जाये कि जिन ग्रामों में पाइप पेयजल योजना संचालित है, उन ग्रामों में ग्राम प्रधान, पूवर् ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, कोटेदार, क्षेत्र पंचायत समिति के सदस्य, रोजगार सेवक, आशा, आंगनबाड़ी कायर्कत्री आदि को कनेक्शन अवश्य उपलब्ध कराये जायें।
जिलाधिकारी ने कहा कि अस्थाई गौशालाओं के संचालन, निगरानी हेतु संचालन समिति का गठन किया जाये, समिति में ग्राम प्रधान, सचिव, पशुपालन विभाग के चिकित्सकों को अनिवार्य रूप से रखा जाये, गौशाला हेतु संरक्षक की तैनाती की जाये, सम्बन्धित उप जिलाधिकारी के माध्यम से गौशाला के बगल के ग्रामों, आस-पास के क्षेत्रों के चारागाहों का चिन्हांकन कराकर समिति के सुपुर्द किया जाये, जिससे की गौवंशों को चारा आसानी से मुहैया हो सके। उन्होने कहा कि सहभागिता योजना का लाभ भी अति कुपोषित, गरीब परिवारों को उपलब्ध कराया जाये, दूध दुहने के बाद गौवंश को छोड़ने वालों के विरूद्ध जुमार्ना लगाया जाये। उन्होने उपायुक्त मनरेगा को निदेर्शित करते हुये कहा कि मनरेगा के अन्तगर्त कराये जा रहे कार्यो की सघन माॅनीटरिंग की जाये, मनरेगा के अन्तगर्त स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप, सारस सकिर्ट हेतु वैटलेंड विकसित करने, वमीर् कम्पोस्ट, अस्थाई गौशाला निमार्ण, लाॅण्ड्री फाॅमिर्ग, पुरानी नदियों को जीवित, ग्राम पंचायतों में खेल के मैदानों, पार्को को विकसित कराये जाने सम्बन्धी आदि विविधीकरण के कार्य कराये जायें।
उन्होने जानकारी करने पर पाया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तगर्त जनपद को लगभग 250 जोड़ों के विवाह हेतु लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें रू. 01 करोड़, 27 लाख का बजट प्राप्त हुआ है, जिस पर उन्होने खंड विकास अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में 50-50 एवं अधिशाषी अधिकारियों को 25-25 आवेदन प्राप्त करने के निदेर्श दिये। उन्होने कहा कि कन्या सुमंगला योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का ही अंग है, कन्या सुमंगला योजना के लम्बित आवेदनों पर नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि जिला प्रोबेशन अधिकारी की लापरवाही, कार्यो में बरती गयी शिथिलता के कारण ब्लाॅक घिरोर में 89, किशनी में 73, करहल, मैनपुरी में 20-20 जागीर में 18, बेवर में 14 आवेदन पत्र अभी भी लम्बित हैं। उन्होने जिला कायर्क्रम अधिकारी को निदेर्शित किया कि कुपोषित, अति कुपोषित, गोद लिये बच्चों की नियमित रूप से निगरानी की जाये। उन्होने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को माॅडल स्कूल के रूप में स्थापित किये जाने की दिशा में कार्य किया जाये, माॅडल विद्यालयों में प्रयोगशाला, पुस्तकालय सहित अन्य मूल-भूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाये, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए. ने बताया कि ग्राम पंचायत निधि से ग्राम नौनेर में पुस्तकालय, ग्राम जमथरी में प्रयोगशाला संचालित है, एवं ग्राम करीमगंज में प्रयोगशाला का कार्य प्रगति पर है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र, परियोजना निदेशक डी.आर.डी.ए. सत्येन्द्र कुमार, उपायुक्त मनरेगा पी.सी. राम, उप निदेशक कृषि डी.वी. सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी क्यामुद्दीन अंसारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी प्रशांत, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी प्रमोद कुमार शर्मा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीपिका गुप्ता, जिला कायर्क्रम अधिकारी ज्योति शाक्य, जिला दिव्यांग एवं सशक्तीकरण अधिकारी महेन्द्र कुमार, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी नेहा पाण्डेय, जिला पंचायत राज अधिकारी अविनाश चन्द, अधिशाषी अभियंता लोक निमार्ण, नहर, जल निगम, ट्यूबेल, खंड विकास अधिकारियों सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।