कोर्ट ने अधिकारियों के इस बुलडोजर एक्शन को अमानवीय, अवैध बताया !

2021 में हुए प्रयागराज में बुलडोजर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज डेवलपमेंट ऑथोरिटी को आदेश दिया है. आदेश में है कि 5 याचिकाकर्ताओं को 10 – 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही यह भी कहा है कि यह मुआवजा 6 महीने के अंदर मिले. प्रयागराज में बुलडोजर एक्शन पर SC सख्त, दिया याचिकाकर्ताओं को 10-10 लाख मुआवजा देने का आदेश !
- सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में 2021 में हुए बुलडोजर एक्शन पर मंगलवार (1 अप्रैल) फैसला सुनाया है.
- कोर्ट ने प्रयागराज डेवलपमेंट ऑथोरिटी को 5 याचिकाकर्ताओं को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है.
- यह मुआवजा 6 सप्ताह के भीतर दिया जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर मकान गिराना गलत था और इसे अवैध माना है
2021 में हुए प्रयागराज में बुलडोजर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज डेवलपमेंट ऑथोरिटी को आदेश दिया है. आदेश में है कि 5 याचिकाकर्ताओं को 10 – 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही यह भी कहा है कि यह मुआवजा 6 महीने के अंदर मिले.
‘राइट टू शेल्टर नाम भी कोई चीज होती है’
कोर्ट ने कहा कि यह मुआवजा इसलिए भी जरूरी है, ताकि भविष्य में सरकारें बिना उचित प्रक्रिया के लोगों के मकान गिराने से परहेज करें. जजों ने हाल ही में सामने आए एक वीडियो का भी हवाला दिया, जिसमें गिरती हुई झोपड़ी से एक बच्ची अपनी किताबें लेकर भाग रही थी. यह हमारी अंतरात्मा को झकझोरता है. राइट टू शेल्टर नाम भी कोई चीज होती है. उचित प्रक्रिया नाम की भी कोई चीज होती है. इस तरह की कार्रवाई किसी तरह से भी ठीक नहीं है.
दरअसल, जानकारी के लिए बता दें कि 23 मार्च को अबेडकर नगर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस वीडियो में बुलडोजर की कार्रवाई हो रही है. इसी दौरान एक बच्ची बुलडोजर की तरफ दौड़ती हुई नजर आ रही है. बच्ची झोपड़ी के पास पहुंची
“सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी को 2021 में मकान गिराने पर फटकार लगाई. कोर्ट ने अधिकारियों के इस बुलडोजर एक्शन को अमानवीय, अवैध बताया। कहा, इस कार्रवाई के दौरान दूसरों की भावनाओं और अधिकारों का ख्याल नहीं रखा गया.” जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने कहा है कि देश में इस तरह से रिहायशी घरों को नही गिराया जा सकता है. इसने हमारी अंतरात्मा को झकझोर दिया है.”प्रयागराज प्रशासन ने 2021 में गैंगस्टर अतीक की प्रापर्टी समझकर एक वकील, प्रोफेसर और 3 अन्य के मकान गिरा दिए थे. सुप्रीम कोर्ट में वकील जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और अन्य लोगों ने याचिका दाखिल की थी. ये वो लोग हैं, जिनके मकान तोड़े गए थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इनकी याचिकाएं ठुकरा दी थीं.”..