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मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार के 08 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रेरणादायी मार्गदर्शन व विजनरी नेतृत्व में सेवा, सुरक्षा और सुशासन के भाव के साथ कार्य करते हुए, प्रदेश सरकार के आज 08 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस शानदार यात्रा में प्रदेश की लगभग 25 करोड़ जनता का व्यापक समर्थन व आशीर्वाद प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा, सुरक्षा और सुशासन की नीति के 08 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विगत 08 वर्षां में प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि विगत 08 वर्षां में प्रदेश सरकार द्वारा समग्र विकास के अनेक क्षेत्रों में कार्य किया गया है। इनमें अन्नदाता किसानों के उत्थान, युवाओं के रोजगार, मातृशक्ति के स्वावलम्बन, हस्तशिल्पियों व कारीगरों के उत्थान, अवसंरचना विकास, परम्परागत उद्यमिता को नए स्किल के साथ आगे बढ़ाने आदि से सम्बन्धित कार्य सम्मिलित हैं। आगामी 25, 26 तथा 27 मार्च को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एक मेले का आयोजन किया जाएगा। इस तीन दिवसीय विकास उत्सव के माध्यम से जनपद के लाभार्थियों, युवाओं, मातृशक्ति तथा उद्यमियों आदि के सम्मान के साथ साथ उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का कार्य किया जाएगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश व तंत्र वही है? व्यवस्था में बदलाव से व्यापक परिवर्तन कैसे लाया जा सकता है, यह विगत 08 वर्षों में प्रदेश की जनता जनार्दन ने अनुभव किया है। यह वही उत्तर प्रदेश है, जिसके युवाओं के सामने वर्ष 2017 से पूर्व पहचान का संकट था। जहां किसान आत्महत्या करता था। बेटियां और व्यापारी असुरक्षित थे। दंगों की बारम्बारता से अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ा था। 08 वर्ष पूर्व प्रदेश को बीमारू राज्य की श्रेणी में रखा जाता था। इसे देश के विकास का बैरियर माना जाता था। आज वही उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है। यह देश के विकास का ब्रेकथ्रू बनकर प्रत्येक सेक्टर में आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

सफलता और असफलता इन दोनों के बीच में बेहतर संतुलन होना चाहिए -: सीएम

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा प्राप्त करने वाला प्रदेश है। यहां की भूमि अत्यन्त उर्वर व पर्याप्त जल संसाधन हैं। इन संसाधनों को व्यवस्थित कर प्रदेश को देश के खाद्यान्न उत्पादन का बास्केट बनाया जा सकता था। लेकिन वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में कृषि क्षेत्र पूरी तरह उपेक्षित था। वर्ष 2017 के पश्चात प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन किये। वर्ष 2016-17 में प्रदेश में कृषि विकास दर पांच फीसदी के आसपास थी। आज यह दर बढ़कर साढ़े 13 प्रतिशत से अधिक हो गई है। इसके माध्यम से प्रदेश की जी0डी0पी0 में 28 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है।

प्रदेश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में लघु और सीमान्त किसानों की 36,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी से प्रदेश में कृषि सुधार का अभियान प्रारम्भ किया गया। प्रदेश में वर्ष 2016-17 तक 557 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन होता था। गत वर्ष प्रदेश में 668 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। खाद्यान्न उत्पादन में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ऋण मोचन योजना से लेकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना तक प्रत्येक क्षेत्र में किसानों को डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि भेजी जाती है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 02 करोड़ 62 लाख से अधिक किसानों के खाते में 80,000 करोड़ रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से भेजी गई है।

प्रदेश में सिंचाई की क्षमता में व्यापक बढ़ोत्तरी हुई है। यह वही प्रदेश है जहां वर्षों से सिंचाई परियोजनाएं लम्बित थी। इसमें अर्जुन सहायक, बाणसागर, सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना आदि सम्मिलित थीं। विगत 08 वर्षों में प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का सहयोग लेकर इन सभी लम्बित परियोजनाओं को पूर्ण किया। प्रदेश के अन्नदाता किसानों को लगभग 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा प्राप्त हुई। प्रदेश में कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किए गए। कृषि विश्वविद्यालयों का उन्नयन किया गया। एक नए कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना तथा 20 नए कृषि विज्ञान केन्द्र स्थापित करने की दिशा में कार्य प्रारम्भ किया गया। किसानों को आधुनिक तकनीकी तथा अच्छे बीजों से जोड़ा गया। परिणामस्वरुप धान, गेहूं, दलहन, तिलहन तथा श्रीअन्न के उत्पादन में प्रदेश स्पीड के साथ बढ़ता हुआ आगे दिखाई दिया।

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मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में चीनी उद्योग बंदी की कगार पर था। चीनी मिलों पर गन्ना किसानों के हजारों करोड़ रुपये बकाया थे। वर्ष 2017 के पश्चात प्रदेश सरकार ने बंद चीनी मिलों को पुनः प्रारम्भ किया। इस दौरान प्रदेश में तीन नई चीनी मिलों की स्थापना की गई। 06 चीनी मिलों के पुनः संचालन का कार्य किया गया। 38 चीनी मिलों का विस्तार किया गया। वर्तमान में प्रदेश में 122 चीनी मिलें क्रियाशील हैं। वर्ष 2017 से अब तक गन्ना किसानों को 2,80,000 करोड़ रुपये से अधिक के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। प्रदेश सरकार ने एथेनॉल के नए प्लाण्ट लगाए। वर्ष 2017 तक प्रदेश में केवल 42 करोड़ लीटर एथेनॉल उत्पादन होता था। वर्तमान में प्रदेश में 177 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन होता है। राज्य गन्ना, खाद्यान्न, फल तथा सब्जी के उत्पादन में प्रथम स्थान पर पुनः स्थापित हुआ है। अन्नदाता किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पी0एम0 कुसुम योजना के अन्तर्गत सोलर पैनल लगाकर प्रदेश के लगभग 86,000 किसानों को लाभान्वित किया गया है। 14 लाख निजी नलकूपों को निःशुल्क विद्युत की व्यवस्था देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने का काम किया गया है। वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक प्रदेश में प्रोक्योरमेंट केंद्रों की व्यवस्था नहीं थी। बिचौलियों के माध्यम से कार्य किया जाता था। इस अवधि में गेहूं के क्रय पर 12,808 करोड़ रुपये व्यय किए गए थे। वर्ष 2017 से वर्ष 2023-24 तक प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं खरीद पर इससे लगभग साढ़े तीन गुना अधिक धनराशि 43,424 करोड़ रुपये  खर्च की गई।

वर्ष 2012 से 2017 के बीच धान के क्रय पर 17,190 करोड़ रुपये धनराशि खर्च की गई। वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के बीच प्रदेश सरकार द्वारा धान के क्रय पर 88,746 करोड़ रुपये धनराशि खर्च की गई।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 32 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को बाढ़ से बचाने में सफलता प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत प्रत्येक अन्नदाता किसान, उसके परिवार के सदस्यों तथा बटाईदार को 05 लाख रुपये सुरक्षा बीमा का कवर प्रदान किया गया है। बाढ़, आकाशीय बिजली, किसी अन्य दुर्घटना तथा मानव-वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर बीमा कवर की यह धनराशि प्रदान की जाती है। वर्तमान में इस योजना से प्रदेश के सभी किसानों को आच्छादित किया गया है।

प्रदेश सरकार को निराश्रित गोवंश की समस्या का समाधान करने में भी सफलता प्राप्त हुई है। 7,700 से अधिक गो आश्रय स्थलों के माध्यम से 12,50,000 से अधिक गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। सहभागिता योजना के माध्यम से 01 लाख 05 हजार पशुपालकों को 01 लाख 63 हजार से अधिक गोवंश सुपुर्द किए गए हैं। अन्नदाता किसानों को प्रतिमाह प्रति गोवंश 1,500 रुपये का भुगतान किया जाता है। कुपोषित परिवारों को भी 10,000 गोवंश देने का काम किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की कानून व्यवस्था अत्यन्त दयनीय थी। प्रत्येक दूसरे तीसरे दिन एक दंगा होता था। प्रदेश सरकार ने कानून व्यवस्था को मजबूत करने में एक लम्बी छलांग लगाई है। प्रयागराज महाकुम्भ इसका उदाहरण है। 45 दिनों के इस महा आयोजन में छेड़छाड़, लूटपाट तथा अपहरण आदि की कोई घटना नहीं हुई। प्रदेश सरकार ने विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस बल को एक व्यवस्था के साथ जोड़ने का काम किया है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश में डेढ़ लाख पुलिस कार्मिकों के पद रिक्त थे। वर्ष 2017 के पश्चात प्रदेश में पहली बार पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से 1,56,000 से अधिक पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई। अभी हाल ही में 60,200 से अधिक नए पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई है। इन्हें कुछ ही दिनों में प्रशिक्षण की व्यवस्था से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। अर्थात वर्ष 2017 के पश्चात उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 2,16,000 से अधिक पुलिस कार्मिक भर्ती हुए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के 10 जनपदों में पुलिस लाइन की व्यवस्था नहीं थी। पुलिस बैरकों की स्थिति अत्यंत खराब थी। मात्र 6,000 पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग की व्यवस्था थी। जिन जनपदों में पुलिस लाइनें नहीं थी, उनमें से कुछ जनपदों में पुलिस लाइनों का निर्माण किया जा चुका है। कुछ जनपदों में पुलिस लाइनें निर्माणाधीन हैं। प्रत्येक जनपद व थाने में अवस्थापना सुविधाओं में वृद्धि के लिए बैरकों का निर्माण किया गया। पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग क्षमता में कई गुना विस्तार किया गया। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जो 60,200 से अधिक पुलिस कार्मिकों की प्रदेश में एक साथ ट्रेनिंग की व्यवस्था करेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व दंगाइयों का काल समझी जाने वाली पी0ए0सी0 की 54 कम्पनियों को समाप्त कर दिया गया था। वर्ष 2017 के पश्चात प्रदेश सरकार ने इन सभी कम्पनियों को पुनः बहाल किया। तीन नई महिला बटालियन का गठन किया गया। प्रदेश में अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर भी पी0ए0सी0 की पांच नयी बटालियन के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। एयरपोर्ट, मेट्रो तथा अन्य संस्थाओं की सुरक्षा के लिए स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की 06 वाहिनियों का गठन किया गया। प्रदेश के सभी जनपदों में साइबर थानों की स्थापना की गई। हर थाने में एक साइबर हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई।

पी0आर0वी0 112 के रिस्पाँस टाइम को कम करते हुए 07 मिनट 24 सेकण्ड कर दिया गया है। अब आमजन को पुलिस की सहायता शीघ्र प्राप्त होती है। प्रदेश के गृह विभाग, नगर विकास विभाग तथा जन सामान्य की सहायता से 11 लाख से अधिक सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाए गए हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्भया काण्ड के पश्चात देश में सेफ सिटी की परिकल्पना को लेकर एक व्यवस्था की गई थी। सी0सी0टी0वी0 कैमरों के माध्यम से इस व्यवस्था को लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों के साथ-साथ गौतम बुद्ध नगर को भी सी0सी0टी0वी0 से आच्छादित करने का काम किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी समाज में नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन का कार्य सम्पूर्ण समाज के स्वावलम्बन का आधार बनता है। प्रधानमंत्री जी ने नारी सशक्तिकरण हेतु नारी शक्ति वन्दन अधिनियम देश की संसद में पारित किया। अभी हाल ही में सम्पन्न की गई पुलिस भर्ती में 12,000 से अधिक महिला कार्मिकों की भर्ती की गई है। इसके पूर्व सम्पन्न की गई पुलिस भर्ती के माध्यम से 25,000 से अधिक महिला कार्मिकों की भर्ती की गई थी। वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश में महिला वर्क फोर्स 13-14 फीसदी के आसपास था।

आज यह बढ़कर 35 प्रतिशत से अधिक हो गया है। प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत 60 लाख माताएं लाभान्वित हो रही हैं। प्रदेश की सभी 57,000 ग्राम पंचायतों में बैंकिंग सुविधा हेतु बी0सी0 सखी अपना योगदान दे रही हैं। महिला स्वयं सेवी समूहों के अन्तर्गत लगभग 01 करोड़ बहनें अपना योगदान देकर आर्थिक स्वावलम्बन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 04 लाख 76 हजार से अधिक सामूहिक विवाह सम्पन्न हुए हैं। इस बार के बजट में प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली सहायता राशि को 51,000 रुपये से बढ़ाकर आगामी अप्रैल से एक लाख रुपये करने की घोषणा की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत 95 लाख से अधिक महिलाओं को स्वावलंबन से जोड़ने का कार्य किया गया है। पी0एम0 स्वनिधि योजना के अन्तर्गत 02 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। स्वामित्व योजना के अन्तर्गत एक करोड़ महिलाओं को जहां उनका मकान है, वहीं पर मालिकाना अधिकार देने का काम किया गया है। प्रदेश में सर्वाधिक घरौनी उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है। इस बार के बजट में प्रदेश के सात जनपदों वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, कानपुर, झांसी, आगरा तथा गोरखपुर में कामकाजी महिलाओं के लिए लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर छात्रावासों के निर्माण की कार्रवाई को भी आगे बढ़ाया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज प्रदेशवासी स्वयं को गर्व से उत्तर प्रदेश का निवासी बताते हैं। नए भारत का नया उत्तर प्रदेश अपनी युवा शक्ति के बल पर आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2016-17 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक थी। आज यह दर घटकर मात्र 03 प्रतिशत रह गई है। उत्तर प्रदेश ‘एक जनपद एक उत्पाद योजना’ चलाने वाला पहला राज्य है। इस योजना के माध्यम से परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहित करने का काम किया गया है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश का निर्यात 86,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 02 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। प्रदेश में अब तक युवाओं को 08 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां प्रदान की गई है। 02 करोड़ से अधिक युवा एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में रोजगार से जुड़े हुए हैं। प्रदेश में हो रहे निवेश के माध्यम से बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अब तक 50 लाख से अधिक युवाओं को डिजिटली सक्षम बनाया गया है। युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन देकर इस दिशा में आगे बढ़ाने का काम किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयां हैं। हस्तशिल्पयों तथा कारीगरों के कल्याण के लिए ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ जैसी योजना चलाई जा रही है। इसके अन्तर्गत लाखों हस्तशिल्पियों तथा कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ टूलकिट व सस्ता ऋण आदि उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान अब तक की बहुत लोकप्रिय स्कीम होने जा रही है। इसके अन्तर्गत आगामी 31 मार्च तक 01 लाख नए युवा उद्यमी बनाए जाने का लक्ष्य प्रदेश सरकार ने तय किया है। प्रथम चरण में इसमें 05 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण देने के साथ ही, 10 प्रतिशत मार्जिन मनी भी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले प्रदेश में लोग शिक्षा के क्षेत्र में नकल को जन्मसिद्ध अधिकार मानते थे। आज यहां नकल विहीन परीक्षाएं सम्पन्न हो रही हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल बंदी की कगार पर थे। आज उनमें 50 लाख से अधिक बच्चों की बढ़ोत्तरी हुई है। उन सभी बच्चों को दो यूनिफॉर्म, बैग, बुक्स, जूते और मोजे तथा स्वेटर के लिए 1200-1200 रुपये सरकार डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध करा रही है। सभी विद्यालयों को बालक व बालिकाओं के लिए टॉयलेट, पेयजल, डिजिटल लाइब्रेरी, अच्छी फ्लोरिंग से आच्छादित करने में सफलता प्राप्त हुई है। माध्यमिक स्कूलों के जर्जर भवनों के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट अलंकार की शुरुआत की है।

प्रदेश की हर कमिश्नरी में एक-एक राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में कार्य किए गए हैं। 06 कमिश्नरी में कोई राज्य विश्वविद्यालय नहीं था। उनमें विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य को भी प्रदेश सरकार ने आगे बढ़ाया है। पहली बार मेडिकल यूनिवर्सिटी, आयुष विश्वविद्यालय तथा एक नए एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय की स्थापना के कार्यक्रम आज प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में संस्कृति विश्वविद्यालय भी स्थापित हो चुका है। प्रदेश ने 10 नए विश्वविद्यालय तथा 21 निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालय की स्थापना में भी सफलता प्राप्त की है। वर्तमान में युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रत्येक जनपद में मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग संचालित है। प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति के सभी छात्रों को स्कॉलरशिप उपलब्ध कराई जा रही है। वर्ष 2017 तक अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मात्र 1,200 करोड़़ रुपये की छात्रवृत्ति मिलती थी, आज यह बढ़कर 2,500 करोड़़ रुपये हुई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गरीब कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार ने एक लंबी छलांग लगाई है। विगत 08 वर्षों में प्रदेश में 06 करोड़़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में मदद मिली है। विगत 05 वर्षों से प्रदेश के 15 करोड़़ लोगों को निःशुल्क राशन का लाभ दिया जा रहा है। उज्ज्वला योजना के तहत एक करोड़़ 86 लाख रसोई गैस के निःशुल्क कनेक्शन दिए गए हैं। इन लाभार्थियों को होली व दीपावली के अवसर पर एक-एक रसोई गैस का सिलेण्डर निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के 02 करोड़़ 62 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की धनराशि से लाभान्वित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 09 करोड़़ से अधिक लोगों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना-आयुष्मान भारत से आच्छादित किया गया है। 56 लाख लोगों को एक-एक आवास उपलब्ध कराए गए हैं। उत्तर प्रदेश इन सभी योजनाओं में देश में प्रथम स्थान पर है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले 55 लाख लोगों को निराश्रित महिला, वृद्धावस्था तथा दिव्यांगजन पेंशन दी जाती थी। आज यह संख्या बढ़कर 01 करोड़़ 06 लाख हुई है। वर्ष 2017 के पहले पेंशन के रूप में प्रतिमाह मात्र 300 रुपये दिए जाते थे। आज 1000 रुपये प्रतिमाह डी0बी0टी0 के माध्यम से पेंशन के रूप में दिए जा रहे हैं। डी0बी0टी0 के माध्यम से लाभार्थियों तक सीधे धनराशि पहुंचने में भी उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2024-25 में 09 करोड़़ 08 लाख से अधिक लोगों को 01 लाख 10 हजार करोड़़ रुपये से अधिक का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से किया गया है। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार को 10 हजार करोड़़ रुपये की बचत भी हुई है। उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। प्रदेश सरकार जीरो पॉवर्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में समर्पित होकर कार्य कर रही है। पहली अप्रैल से प्रारम्भ हो रहे नए वित्तीय वर्ष में हम इस योजना को लॉन्च करने जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के बारे में पहले एक मान्यता थी कि जहां से सड़कों पर गड्ढे शुरू हो जाएं, वहीं से उत्तर प्रदेश की सीमा शुरू होती है। पहले यह पता नहीं चलता था कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क है। आज उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे प्रदेश के रूप में जाना जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में 06 एक्सप्रेस-वे संचालित है। 11 अन्य एक्सप्रेस-वे या तो निर्माणाधीन है या नए वित्तीय वर्ष में उन पर कार्य प्रारम्भ होने जा रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे के पूर्ण होने के बाद देश के कुल एक्सप्रेस-वे में 55 प्रतिशत हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की होगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। प्रदेश में सर्वाधिक 06 शहरों में मेट्रो का संचालन भी हो रहा है। देश की पहली रैपिड रेल उत्तर प्रदेश में दिल्ली से मेरठ के बीच संचालित है। देश का पहला वॉटर-वे हल्दिया से वाराणसी के बीच संचालित हो चुका है। इससे उत्तर प्रदेश लैण्डलॉक्ड स्टेट की छवि से मुक्त हुआ है। इनलैण्ड वॉटर-वे अथॉरिटी का गठन कर उत्तर प्रदेश वॉटर-वे की सुविधा को वाराणसी से प्रयागराज तक और बलिया से अयोध्या तक पहुंचाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इन सम्भावनाओं से प्रदेश के उत्पादों को एक्सपोर्ट के माध्यम से दुनिया के बाजारों तक पहुंचाया जा सकेगा। यहां के अन्नदाता किसानों, हस्तशिल्पियों, उद्यमियों और कारीगरों की आय को बढ़ाकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज हमारी इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी फोर-लेन की हो गई है। हर जनपद मुख्यालय फोर-लेन से जुड़ा है। प्रदेश सरकार ने हाई-वे के एक बड़े नेटवर्क को अपने यहां जोड़ा है। उत्तर प्रदेश ने इस दिशा में देश में अच्छी प्रगति की है। यह हाई-वे किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में कार्य करते हैं। वर्ष 2017 के पूर्व उत्तर प्रदेश में लखनऊ और वाराणसी दो एयरपोर्ट पूर्ण क्रियाशील थे, गोरखपुर और आगरा एयरपोर्ट आंशिक रूप से संचालित थे। आज प्रदेश में 16 एयरपोर्ट क्रियाशील है, इनमें से चार इण्टरनेशनल एयरपोर्ट है। देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में बहुत शीघ्र बनकर तैयार होने वाला है। यह प्रदेश का पांचवा इण्टरनेशनल एयरपोर्ट भी होगा। आने वाले समय में जेवर एयरपोर्ट एयर कार्गो के सबसे बड़े हब के रूप में स्थापित होगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर ने राज्य की अर्थव्यवस्था को गति दी है। प्रदेश में नगरीय विकास के क्षेत्रों में भी व्यापक परिवर्तन देखने को मिले हैं। पहले नगरीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। वर्ष 2016-17 में देश में हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में 100 में से 10 सबसे गन्दे शहर उत्तर प्रदेश के थे। उस समय शहरों में बिजली और पानी की उपलब्धता नहीं थी। हर तरफ गंदगी थी। कनेक्टिविटी भी नहीं थी और सुरक्षा भी नहीं थी। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में केन्द्र सरकार की मदद से 10 शहरों और राज्य स्मार्ट सिटी मिशन के अन्तर्गत 07 अन्य शहरों कुल 17 म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया गया है। इन्हें स्मार्ट सिटी के साथ ही, सेफ सिटी भी बनाया गया है। इनमें आई0टी0एम0एस0 भी कार्य कर रहा है।

इस वर्ष के बजट में यह व्यवस्था की गई है कि हर जिला मुख्यालय की नगर पालिका या नगर निकाय को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नेशनल कैपिटल रीजन की तर्ज पर प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में डेवलपमेंट रीजन को विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। लखनऊ और उसके आसपास के क्षेत्र को सम्मिलित करके स्टेट कैपिटल रीजन तथा वाराणसी और उसके आसपास के क्षेत्र व कानपुर और उसके आसपास के क्षेत्र को लेकर डेवलपमेण्ट रीजन बनाए जाएंगे, जिससे एक व्यवस्थित और नियोजित विकास को आगे बढ़ाया जा सके। इनके मास्टर प्लान के माध्यम से वहां के नागरिकों के जीवन में व्यापक और आमूलचूल परिवर्तन करके उनकी आय को कई गुना बढ़ाने की दिशा में सरकार ने कार्य प्रारम्भ किया है। अगले कुछ महीनो में देश की पहली रोप-वे सेवा वाराणसी में प्रारम्भ करने जा रहे हैं। यह वाराणसी के लिए नगरीय परिवहन की एक बेहतरीन सुविधा बनेगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हर व्यक्ति को उसकी आवश्यकता के अनुरूप विद्युत की सुविधा प्राप्त हो सके, इसके लिए डबल इंजन सरकार ने व्यापक परिवर्तन किए हैं। वर्ष 1947 से लेकर वर्ष 2017 तक 1,28,494 मजरां तक विद्युत पहुंचाई गई थी। वर्ष 2017 से अब तक के 08 वर्षों में यह संख्या बढ़कर 2,49,818 हुई है। मात्र 08 वर्षों में 1,21,000 मजरों में विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया है। वर्ष 2012 से 2017 के बीच केवल 8,44,000 विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए गए थे। विगत 08 वर्षों में 01 करोड़़ 65 लाख गरीबों को विद्युत के निःशुल्क कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे, तहसील मुख्यालय में 20 घण्टे और जनपद मुख्यालय में 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति वर्ष 2017 से निरन्तर की जा रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पावर जनरेशन के लिए भी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। घाटमपुर में 660 मेगावॉट की तीन नई यूनिट स्थापित हो रही है। पनकी में 660 मेगावॉट की इकाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। ओबरा, सोनभद्र में 660 मेगावॉट की दो यूनिट क्रियाशील होने वाली है। जवाहरपुर, एटा में 660 मेगावॉट की दो यूनिट पूर्ण हो चुकी है। मेजा, प्रयागराज में एन0टी0पी0सी0 के साथ मिलकर 800 मेगावॉट की तीन नई यूनिट के निर्माण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। वर्तमान में पीक आवर में प्रदेश में 33,000 मेगावॉट विद्युत आपूर्ति की जा रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले मात्र 228 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं प्रदेश में क्रियाशील थी। विगत 08 वर्षों में हमने 2,653 मेगावॉट की सौर ऊर्जा क्षमता सृजित की है। बुन्देलखण्ड में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के माध्यम से 4,000 मेगावॉट के सोलर पार्क की स्थापना की जा रही है। अगले 05 वर्षों में 22,000 मेगावॉट ग्रीन एण्ड क्लीन एनर्जी बनाने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पहले ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश 14 वें स्थान पर था। वर्तमान में उत्तर प्रदेश टॉप अचीवर स्टेट है। यह प्रधानमंत्री जी के प्रेरणादाई मार्गदर्शन में उनके रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र से साकार हुआ है। उत्तर प्रदेश 33 सेक्टोरियल पॉलिसीज बनाने वाला देश का पहला राज्य है। प्रदेश में सिंगल विण्डो प्लेटफॉर्म के माध्यम से 500 से अधिक अनापत्तियां उपलब्ध कराई जा रही है। एम0ओ0यू0 होने के बाद इसकी मॉनीटरिंग भी डिजिटल माध्यम से की जा रही है। उत्तर प्रदेश न केवल व्यक्ति, बल्कि उसकी पूंजी की सुरक्षा की भी गारण्टी देने वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश 15 लाख करोड़़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतार कर देश का एक प्रमुख राज्य बना है। उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए ड्रीम डेस्टिनेशन बनकर उभरा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी राज्य सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण पहल की है। आजादी के बाद से वर्ष 2017 के पहले तक प्रदेश में केवल 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज बन पाए थे। वर्ष 2017 से अब तक प्रदेश में कुल 80 मेडिकल कॉलेज बने हैं, जिनमें से 44 सरकारी क्षेत्र और 36 निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज हैं। पहले प्रदेश के नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी का अभाव था। वर्तमान में प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज बनाये जाने की कार्रवाई को तेजी के साथ आगे बढ़ाया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के 36 जनपदों में इंसेफेलाइटिस से मासूम बच्चों की असमय मृत्यु हो जाती थी। आज प्रदेश ने इंसेफेलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफलता प्राप्त की है। वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2024 में एक्यूट इंसेफेलाइटिस को 85 प्रतिशत और जापानी इंसेफेलाइटिस को 99 प्रतिशत तक नियंत्रित करने में सरकार को सफलता प्राप्त हुई है। डेंगू से मृत्यु दर को 95 प्रतिशत कम किया गया है। मलेरिया से मृत्यु दर के मामलों में 56 प्रतिशत की कमी आई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के माध्यम से लगभग साढे 13 करोड़़ लोग लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश में एम0बी0बी0एस0 की वर्ष 2017 में मात्र 1,990 सीटें थी, यह बढ़कर वर्तमान में 5,250 हो गई है। निजी मेडिकल कॉलेज में भी यह सीटें 2,550 से बढ़कर 6,550 हुई है। राजकीय मेडिकल कॉलेज में पी0जी0 की सीटें वर्ष 2017 के पहले 741 थी, आज यह बढ़कर 1,871 हुई है। वर्ष 2017 के पहले निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज में पी0जी0 की सीटें 80 थी, आज यह बढ़कर 2,100 हुई है। प्रदेश में पहले कुछ ही मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा थी। आज लगभग हर जनपद में यह सुविधा उपलब्ध है।

वर्तमान में सभी जनपदों में डायलिसिस और सी0टी0 स्कैन आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए हर जनपद में जन आरोग्य योजना से जुड़े केन्द्र स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास, अन्नदाता किसानों, युवाओं और मातृशक्ति के उत्थान, सुरक्षा तथा निवेश के क्षेत्र में जो पहचान बनाई है, इसका सकारात्मक असर प्रदेश के पर्यटन पर भी पड़ा है। उत्तर प्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में भी एक लम्बी छलांग लगाई है। अब पर्यटन केवल मनोरंजन का ही एक माध्यम नहीं है। आस्था भी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का माध्यम बन सकती है, यह हमने प्रयागराज महाकुम्भ-2025 के माध्यम से देखा है। प्रयागराज महाकुम्भ ने अलग-अलग सेक्टर में नई-नई सम्भावनाओं को आगे बढ़ाया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गत वर्ष उत्तर प्रदेश में कुल 67 करोड़़ पर्यटक आए थे। लगभग इतने ही लोग अकेले प्रयागराज महाकुम्भ में इस वर्ष आए हैं। वर्ष 2017 के पहले एक साल में 21 करोड़़ श्रद्धालु उत्तर प्रदेश में आते थे। इनमें स्पिरिचुअल, हेरिटेज, ईको टूरिज्म तथा अन्य क्षेत्रों के पर्यटक शामिल थे। आज यह संख्या बहुत बड़ी हो गई है। इनमें घरेलू तथा विदेशी पर्यटक दोनों शामिल हैं। इसके लिए प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने बड़े पैमाने पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा कनेक्टिविटी को बेहतर किया और सुरक्षा का बेहतर माहौल दिया है। आज इसी के परिणाम हम सबके सामने है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था वर्ष 2017 के पहले देश में छठें-सातवें स्थान पर थी। आज उत्तर प्रदेश देश की नम्बर दो की अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। वर्ष 2017 के पहले प्रदेश का राजकोष खाली था, अन्नदाता किसान बदहाल थे और आत्महत्या के लिए मजबूर थे व कर्मचारियों में व्यापक असंतोष था। उस समय हमारी सरकार ने पहले दो फैसले लिए, जिनमें लघु और सीमान्त किसानों के कर्ज माफ किए जाने तथा अपने कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के फैसले शामिल थे। उस समय राजकोष खाली था, लेकिन सरकार ने यह फैसला सफलतापूर्वक लागू किया। वर्ष 2017 में ही हमने ऋण माफी के कार्यक्रम को लागू किया और 15 लाख कर्मचारियों को भी सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट का लाभ दिया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछले 08 वर्ष में हमने जनता पर बिना कोई अतिरिक्त बोझ डालें और बिना कोई नया कर लगाए प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। इसके लिए भ्रष्टाचार पर प्रभावी प्रहार किया गया, लीकेज को रोका गया तथा सोर्स ऑफ इनकम बढ़ाई गई। इसका परिणाम हुआ कि आज उत्तर प्रदेश एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। प्रदेश में इस दौरान लगातार हुए निवेश से रोजगार की नई सम्भावनाएं आगे बढ़ी है। हमें नए उत्तर प्रदेश के दर्शन हो रहे हैं। कोई भी निवेश अपने साथ विकास और रोजगार के साथ ही अनेक परिवारों के जीवन में खुशहाली भी लेकर आता है। वर्ष 2017 के पहले 12 लाख 75 हजार करोड़़ रुपये की अर्थव्यवस्था आज साढ़े 27 लाख करोड़़ रुपये से अधिक हो गई है। इसमें दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है। इस दौरान प्रति व्यक्ति आय भी दोगुनी से अधिक हुई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश आज एक अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2000 से लेकर वर्ष 2017 के बीच के 17 वर्षों में मात्र 3,300 करोड़़ रुपये का एफ0डी0आई0 प्रदेश में आया था। अप्रैल, 2017 से लेकर वर्ष 2024 तक 14,808 करोड़़ रुपये से अधिक का एफ0डी0आई0 आया है। 70 वर्षों में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय मात्र 46,500 रुपये तक ही पहुंच पाई थी। आज जी0एस0डी0पी0 के अनुसार यह बढ़कर 01 लाख 14 हजार रुपये और नियोजन विभाग के अनुसार प्रति व्यक्ति आय 01 लाख 24 हजार रुपये हुई है। प्रति व्यक्ति आय में लगभग ढाई गुना की वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बैंकिंग व्यवसाय अर्थव्यवस्था को एक नया आयाम देता है। वर्ष 2016-17 में उत्तर प्रदेश में बैंकों का व्यवसाय मात्र साढ़े 12 लाख करोड़़ रुपये का था। वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 29 लाख 66 हजार करोड़ रुपये हुआ है। इसमें सवा दोगुने से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश का सी0डी0 रेशियों मात्र 46 प्रतिशत था, आज यह 61 प्रतिशत से अधिक हुआ है। आर0बी0आई0 की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के लिए फण्ड आकर्षित करने में 16.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है। प्रदेश की 132 कम्पनियों ने मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकरण कराया है, जिनका मार्केट कैपिटल 03 लाख 61 हजार 162 करोड़ रुपये से अधिक का है। प्रदेश में वर्ष 2017 तक कुल 13,000 फैक्ट्रियां पंजीकृत थी। विगत 08 वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 26,900 से अधिक हो चुकी है। यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश एक अच्छी दिशा में आगे बढ़ा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि आज उत्तर प्रदेश का परसेप्शन बदला है। हमें हर सेक्टर में जो भी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं, वह टीम भावना, नेक नीयत, ईमानदारी और प्रतिबद्धता से किए गए प्रयासों का परिणाम है। उत्तर प्रदेश खाद्यान्न, गन्ना और आलू उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश एथेनॉल की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा राज्य बनकर उभरा है। आयकर रिटर्न भरने वालों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर है। जेम पोर्टल से सर्वाधिक खरीद करने के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। कौशल विकास नीति को लागू करने के मामले में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सर्वाधिक एम0एस0एम0ई0 यूनिट्स उत्तर प्रदेश में है। प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, पी0एम0 उज्ज्वला योजना, स्वामित्व योजना, अटल पेंशन योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री जनधन योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में उत्तर प्रदेश आज प्रथम स्थान पर है। यह योजनाएं इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार ने पिछले 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में जो कदम बढ़ाए हैं, वह सही दिशा में बढ़ाए गए कदम है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाए जाने का एक बड़ा लक्ष्य देशवासियों के सामने रखा है। इसके परिणाम भी हमारे सामने हैं। वर्ष 2014 में जिस देश की अर्थव्यवस्था 10-11वें स्थान पर थी, आज वह देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारा देश वर्ष 2027 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश आज देश की नम्बर दो की अर्थव्यवस्था है। एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने के लिए डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश में प्रयास प्रारम्भ किए हैं। हमने अपनी ग्रोथ रेट को बढ़ाया है, प्रत्येक क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन किया है। आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश की शीर्ष अर्थव्यवस्था बनेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। इस दिशा में हमारी पूरी टीम तत्परता से कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री जी ने विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश को अपना नेतृत्व और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री जी और केंद्रीय मंत्रीगण, देश को आगे बढ़ाने में मदद करने वाली सभी संस्थाओं और प्रदेश मंत्रिमण्डल के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। इन सभी ने पिछले 08 वर्ष में प्रदेश के स्केल को स्किल और स्पीड के साथ जोड़ने में एक टीम भावना का परिचय दिया है। आज उसी के परिणाम हमारे सामने है। एक नए भारत का नया उत्तर प्रदेश हमे देखने को मिल रहा है। मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि यही स्पीड उत्तर प्रदेश को देश की नम्बर एक की अर्थव्यवस्था बनने में मददगार साबित होगी। तीन दिवसीय जनपदीय विकास उत्सव में जनता की भागीदारी उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में और अलग-अलग सेक्टर में हुए विकास कार्यों को देखने का अवसर प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री जी ने मीडिया प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी सकारात्मक पहल के माध्यम से सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में मदद की है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री द्वय श्री केशव प्रसाद मौर्य व श्री ब्रजेश पाठक, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह, कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही, जलशक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह, प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशीष पटेल, मत्स्य मंत्री डॉ0 संजय कुमार निषाद, पंचायतीराज मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल कुमार एवं विधान परिषद सदस्य श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, पुलिस महानिदेशक श्री प्रशान्त कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद तथा सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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