1700 करोड़ ((1700 crore)) रुपये की लागत से बन रहा पुल गिरा
पटना. बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर अरबों रुपये की लागत से बन रहा पुल भरभराकर ढह गया. खगड़िया को भागलपुर से जोड़ने वाले अगुवानी सुल्तानगंज गंगा ब्रिज के के चार पिलर गिरकर गंगा में समा गए हैं. इस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में बड़ी बैठक की, जिसमें उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी शामिल थे. सीएम नीतीश कुमार ने प्रत्यय अमृत को इस घटना की विस्तृत जांच करने और दोषियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
पुल के गंगा नदी में गिरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस पुल को 17 सौ करोड़ (1700 crore) रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा था. इसके निर्माण पर पहले से ही सवाल उठ रहे थे.
जानकारी के अनुसार यह पुल भागलपुर में गंगा नदी पर बनने वाला सबसे बड़ा पुल है. आगवानी सुलतानगंज पुल के अचानक भरभराकर गिरने के दौरान कई लोग इसका लाइव वीडियो बनाते देखे गए. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो 1700 करोड़ की भारी भरकम धनराशि खर्च होने और उसमें हुए भ्रष्टाचार को बयां कर रहे हैं. एक साल पहले भी इस पुल का एक हिस्सा गिर गया था. यह मूख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है.
बताया जा रहा है कि अगुवानी के तरफ से पुल के पाया नंबर 10,11,12 के ऊपर का पूरा सुपर स्ट्रक्चर गिर गया है जो लगभग 200 मीटर का हिस्सा होगा. हालांकि, पुल के स्ट्रक्चर गिरने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. इस महासेतु का निर्माण एसपी सिंगला कंपनी द्वारा किया जा रहा है.
पिछले साल भी गिरा था पुल का एक हिस्सा
बता दें पिछले साल 27 अप्रैल को भी इस निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर नदी में गिर गया था. तेज आंधी और बारिश में करीब 100 फीट लंबा हिस्सा भरभराकर जमीन पर गिर गया था. इसके बाद पुल निर्माण का काम फिर शुरू हुआ. इस बार करीब 80 प्रतिशत काम सुपर स्ट्रक्चर का पूरा हो गया था. इतना ही नहीं अप्रोच रोड का काम भी 45 फीसदी पूरा कर लिया गया था, लेकिन पुल के गिरने से इस प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े हो गए हैं.
बीजेपी के निशाने पर नीतीश सरकार
खगड़िया को भागलपुर से जोड़ने वाले निर्माणधीन पुल के गंगा नदी में समा जाने के बाद नीतीश कुमार के कामकाज पर विपक्ष हमलावर है. बीजेपी ने इसे भ्रष्टाचार का नमूना बताया है. बीजेपी ने कहा कि पहले भी इस पुल के निर्माण में अनियमितताओं की शिकायतें की जाती रही हैं, लेकिन नीतीश सरकार ने इस पर कार्रवाई नहीं की. इसी का नतीजा है कि पुल पूरी तरह से भरभराकर ढह गया.
सीएम नीतीश की बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना है यह पुल
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह महत्वाकांक्षी परियोजना है. उन्होंने 23 फरवरी 2014 को परबत्ता के एम डी कॉलेज मैदान में इसका शिलान्यास किया था और 9 मार्च 2015 को मुरारका कॉलेज सुलतानगंज के मैदान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पुल निर्माण का कार्यारंभ किया गया था. इस पुल के निर्माण से उत्तर तथा दक्षिण बिहार के बीच की दूरी काफी कम हो जायेगी. इसके अलावा प्रति वर्ष श्रावणी मेला में देवघर जाने वाले लाखों कांवड़ियों को इससे फायदा होगा.
इस पुल तथा सड़क के निर्माण से एनएच 31 और एनएच 80 आपस में जुड़ जाएंगे. राष्ट्रीय राजमार्ग 31 स्थित पसराहा एवं मुंगेर भागलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 80 स्थित सुल्तानगंज के पास फोरलेन सड़क का मिलान किया जाना है. इस महासेतु की लम्बाई करीब 3.160 किलोमीटर है, जबकि एप्रोच पथ की कुल लम्बाई करीब 25 किलोमीटर है.