अमेरिका की कूटनीति का सबसे बड़ा ‘अग्निपथ'(कूटनीति )
गाजा: इजरायल-हमास के बीच जंग को ढाई महीने का वक्त हो चुका है और यह हर दिन के साथ खतरनाक होता जा रहा है. सोमवार को अमेरिका के रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन इजरायल पहुंचे. ऑस्टिन की इस यात्रा को अमेरिका की कूटनीतिक (कूटनीति ) परीक्षा माना जा रहा है क्योंकि इससे साफ होगा कि अमेरिका फलस्तीनियों पर विनाशकारी असर के बावजूद इजराइल को पूरा समर्थन देगा या नहीं.
इतना ही नहीं, ऑस्टिन के लिए इजराइल को गाजा में टारगेट अटैक के लिए मनाने की भी चुनौती होगी ताकि आम फलस्तीनियों को कम से कम नुकसान हो. इजराइल के करीबी माने जाने वाले फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी भी अब सीजफायर की मांग करने लगे हैं.
क्या यूएस की बात मान जाएगा इजरायल?
इजराइल में इजराइली सेना की तरफ से गलती से चलाई गई गोली में तीन बंधकों की मौत के बाद सभी बंधकों को रिहा कराने के लिए हमास से नए सिरे से बातचीत को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा है कि इजराइल तब तक लड़ता रहेगा जब तक वह हमास को सत्ता से उखाड़ नहीं फेंकता. 7 अक्टूबर के हमले के बाद हमास के बंधक बनाए गए सभी लोगों को छुड़ा लेने का इजरायल ने ऐलान किया है. सात अक्टूबर के हमले के बाद ही इजराइल ने गाजा में जवाबी कार्रवाई शुरू की थी.
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीजफायर के प्रस्ताव को वीटो कर दिया था और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए बड़े कदम उठाने के लिए दबाव डालते हुए इजराइल को हथियारों की सप्लाई की थी. ऑस्टिन और ज्वाइंट चीफ चेयरमैन जनरल सीक्यू ब्राउन सोमवार को तेल अवीव पहुंचे. उम्मीद है कि वे हफ्तों की भारी बमबारी और जमीनी हमले के बाद इजराइली नेताओं पर जंग के एक नए चरण में जाने के लिए दबाव डालेंगे.
अमेरिका ने की ये गुजारिश
अमेरिकी अधिकारियों ने हमास नेताओं को खत्म करने, सुरंगों को नष्ट करने और बंधकों को बचाने के लिए टारगेट ऑपरेशन्स का आह्वान किया है. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि करीब 10 हफ्ते से जारी जंग में कुल 18,700 फलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं. वहीं गाजा की कुल 23 लाख आबादी में से 19 लाख (85 प्रतिशत) लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. इजराइल के मुताबिक हमास के सात अक्टूबर के हमले में उसके करीब 1200 लोग मारे गए थे और करीब 240 लोगों को बंधक बनाया गया था. इजराइली सेना के मुताबिक युद्ध में उसके 126 सैनिक मारे गए हैं.