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फादर्स डे पर विशेष एक पिता सुपर हीरो का सबसे अच्छा उदाहरण !

मुंबई -: (अनिल बेदाग ) – : किसी भी बच्चे को अपने जीवन में सबसे पहले जिस सुपरहीरो से मिलना होता है, वह उसका पिता होता है। बच्चों की बढ़ती उम्र में उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रुरत होती है जो उनका रोल मॉडल बन सके। पिता सुपरहीरो का सबसे अच्छा उदाहरण है। एक पिता अपने परिवार के लिए दिन-रात अथक परिश्रम करता है और साथ ही समाज के प्रति भी अपना दायित्व निभाता है। फादर्स डे पर हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करेंगे, जिसने परिवार के प्रति तो अपना दायित्व निभाया ही,

मैं आज गर्व महसूस करता हूं कि उन्होंने हमारा ही नहीं, सरस्वती फाउंडेशन के माध्यम से हजारों लोगों की भलाई के लिए काम किया। राजू पुथरण ने 2012 में संस्था की शुरुआत की थी और धीरे-धीरे कारवां बढ़ता गया। आज कई पुरस्कार और सम्मान उनके नाम दर्ज हैं। सुधीर कहते हैं कि सरस्वती फाउंडेशन एक संस्था है जिसका उद्देश्य गरीब पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों के सामाजिक और शैक्षिक विकास के लिए काम करना है, जिसमें सभी प्रावधान, सुविधाएँ, छात्रवृत्तियाँ, चिकित्सा आवश्यकताएँ, खेल और गतिविधियाँ विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रोजगार, कुटीर उद्योग, कृषि, योग और दया, पुनर्वास केंद्र और वृद्धाश्रम, अनाथालय, प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों की सहायता करना शामिल है। पिताजी का उद्देश्य बेघर, वृद्ध लोगों को आश्रय और सहायता प्रदान करनारहा है। किसी भी प्राकृतिक आपदा के शिकार लोगों की मदद करने से भी वह पीछे नहीं हटे। सरस्वती फाउंडेशन ने विष्णुमुरथी मंदिर के जीर्णोद्धार में मदद की है।
सरस्वती फाउंडेशन ने ओरिएंट इंस्टीट्यूट को शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों की मदद करने में मदद की है और संस्थान को जस्ट डायल डॉट कॉम द्वारा 5 स्टार रेटिंग दी गई है (10 छात्रों को शुल्क पर 50% छूट पर लाभ मिला) क्योंकि हम उन्हें सभी डिजिटल मीडिया में उनके संस्थान के बारे में पहुँच और दर्शक प्रदान कर रहे हैं।
सरस्वती फाउंडेशन ने जुलाई 2013 में बेलमान स्कूल के बच्चों के लिए गतिविधि आयोजित की थी जिसमें ड्राइंग/लेखन/नृत्य प्रतियोगिता और अन्य शैक्षिक चीजें शामिल थीं जो उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती हैं। सुधीर कहते हैं कि फादर्स डे के अवसर पर यह बताना चाहूंगा कि वैसे तो पूरा जीवन ही हम अपने माता-पिता का सम्मान करते है लेकिन फादर्स डे विशेष रूप से पिता के संघर्षों, बलिदान, मेहनत, त्याग और योगदान को सम्मानित करने के लिए सेलिब्रेट करने का दिन है। हम जब भी कभी अपने जीवन में मुश्किलों में होते हैं तब पिता हमेशा कहते है कि चिंता मत करना मैं तुम्हारे साथ हूँ। एक पिता ही होते है, जो जीवन में हमें कभी हार न मानने और हमेशा आगे बढ़ने की सीख देते हुआ हमारा हौसला बढ़ाते हुए कामयाबी की रहा दिखाते हैं। पिता से अच्छा कोई मार्गदर्शक नहीं होता।