बिहार चुनाव में भाजपा ‘घर-घर संपर्क’ को जीत के लिए बना रही मूल मंत्र
पटना। बिहार में इस साल के अंत में होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी रणनीति तैयार कर मैदान में उतर चुकी है। पटना में भाजपा कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक में पार्टी के नेताओं ने जहां अपने कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने के लिए ‘घर-घर संपर्क’ का मंत्र दिया वहीं जोश भी भरा। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित दो दिवसीय बैठक के बाद यह तय हो गया कि भाजपा, जनता दल (युनाइटेड) और लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी और जल्द ही सीट का बंटवारा हो जाएगा। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि रविवार की देर शाम भाजपा कोर समिति की बैठक भी हुई जिसमें मजबूत सीटों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। इधर, पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी अपने संबोधन में स्पष्ट संकेत दे दिया है कि भाजपा एक-एक मतदान केंद्र पर चुनाव लड़ेगी और सभी मतदान केंद्रों पर विजय हासिल करेगी। इस बीच, भाजपा के कार्यकर्ता घर-घर पहुंचने की कोशिश करेंगे और मतदाताओं से संपर्क स्थापित करेंगे। नड्डा ने पार्टी कार्यककर्ताओं को राज्य और केंद्र सरकार के कामों को जन-जन तक पहुंचाने की अपील भी की है। बिहार विधानसभा को लेकर बनी रणनीति के तहत 25 से 29 अगस्त तक विधानसभा स्तरीय बैठक होगी, जिसके लिए 23 समूह बनाए गए हैं। प्रत्येक समूह के सदस्य को विधानसभा क्षेत्रों के मंडल और शक्ति केंद्र की बैठकों में शामिल होना है। इस दौरान प्रमुख व्यक्तियों और स्वजातीय लोगों से भी मिलना है। इसके बाद, 30 अगस्त को प्रधानमंत्री के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को पार्टी ने वृहद पैमाने पर सुनने की योजना बनाई है। इसके अलावा, 30 अगस्त को ही मतदाता सूची की समीक्षा होगी और उसके बाद 1 से 6 सितंबर तक प्रदेश अधिकारी, विधायक, सांसद और विधानसभा प्रभारी अपने क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि, टोला सेवक, जीविका समूह के सदस्यों जैसे सरकारी कर्मी से मिलकर कोरोना काल में उनके द्वारा किए गए सराहनीय कायरे के लिए सम्मानित करेंगे। इसके बाद 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती मतदान केंद्र स्तर पर मनाई जाएगी। 27 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच कोरोना के बाद स्वस्थ्य हुए लोगों से मुलाकात और गांधी जयंती पर ग्रामोदय विषय पर बात की जाएगी। वैसे, राजग में अभी सीट बंटवारे को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है, लेकिन कहा जा रहा है कि भाजपा लोकसभा चुनाव के आधार पर जदयू के साथ 50-50 प्रतिशत सीट बंटवारे के पक्ष में है। ऐसे में अगर ऐसा होता है, तो भाजपा और जदयू 100 और 100 सीटों पर लड़ती है तो लोजपा को 43 सीटें मिल सकती हैं। महागठबंधन को छोड़कर हालांकि अलग हुए हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। ऐसे में अगर यह पार्टी भी राजग में शामिल होगी तो सभी दलों को अपनी सीटों पर कटौती करनी पड़ सकती है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ़ निखिल आनंद कहते भी हैं कि राजग में सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा, भाजपा चुनाव के लिए तैयार है। भाजपा सभी सीटों पर अपने और अपने सहयोगी दलों के लिए जीत सुनिश्चित करने की रणनीति पर काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव में राजग दो-तिहाई से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी। इधर, प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी कह चुके हैं कि चुनौतियां है लेकिन हम चुनाव जीतेंगे। इस चुनाव को उन्होंने बिहार के भविष्य से भी जोड़ा है।