उत्तर प्रदेश

यूपी में इसलिये नहीं बन पाया वक्फ कानून के खिलाफ माहौल

देश का सबसे बड़े सूबे और यहां के सबसे समृद्ध वक्फ बोर्ड और उससे जुड़े उत्तर प्रदेश के करोड़ों मुसलमानों ने वक्फ अधिनियम 1995 में मोदी सरकार द्वारा किये गये बदलाव के खिलाफ कोई मुखरता नहीं दिखाकर पूरे मुल्क को हैरान कर दिया है। छिटपुट विरोध की जो खबरें आईं भी तो उससे कोई बड़ा राजनैतिक संदेश नहीं निकला। यूपी के मुसलमानों के इस रवैये ने मोदी-योगी के विरोधियों को हैरान कर दिया है,जबकि कांगे्रस और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ कई मुस्लिम नेता यूपी को वक्फ आंदोलन की बड़ी रणभूमि बनाना चाहते हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के तमाम मौलाना, हैदराबाद में बैठे ओवैसी ही नहीं यूपी के मुस्लिम सांसद अफजाल अंसारी इकरा हसन,जियाउर रहमान बर्क,मुहिबुल्लाह, इमरान प्रतापगढ़ी मुस्लिमों को भड़काने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। यूपी के मुसलमानों की शांति इस हिसाब से भी खास है

                    क्योेंकि वक्फ कानून में बदलाव की वजह से यूपी से इत्तर पूरे देश के मुस्लिमों का गुस्सा सड़क पर फूट रहा है,जो कई जगह हिंसक रूख भी अख्तियार कर रहा है। बिहार,कर्नाटक,तमिलनाडु सहित कई राज्यों में वक्फ कानून में बदलाव के खिलाफ आंदोलन चल रहा। यहां तक की अपेक्षाकृत शांत समझा जाने वाला गुजरात भी विरोध की चिंगारी से नहीं बच पाया है। पश्चिम बंगाल में हालात सबसे अधिक बेकाबू हैं। यहां तो मोदी सरकार द्वारा किये गये वक्फ कानून में बदलावों के विरोध के नाम पर हिन्दुओं को टारगेट किया जा रहा है। उनकी संपत्ति को आग लगाई जा रही है। मुर्शिदाबाद के हाल तो सबसे अधिक चिंताजनक हैं। जहां से बड़ी संख्या में हिन्दू अपनी जान और बहू बेटियों की इज्जत बचाने के लिये रात के अंधेरे में पलायन को मजबूर हो गये। ऐसी वारदातांे पर लगाम लगाने की बजाये ममता बनर्जी कहती हैं कि 33 फीसदी मुसलमानों को फेंक थोड़ी दिया जायेगा।

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