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सात दशक बाद…चीतों का भारत में आगमन, कुनो राष्ट्रीय उद्यान बना नया बसेरा

ग्वालियर। भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद उन्हें देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत नामीबिया से लाए गए आठ चीते शनिवार को भारत में अपने नए बसरे कुनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं, ने मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में बनाए गए विशेष बाड़ों में पूर्वाह्न सुबह करीब 11.30 बजे चीतों को छोड़ा।

मालवाहक बोइंग विमान से सुबह 7.47 बजे ग्वालियर एयरबेस पर उतरने के बाद वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों से इन चीतों को केएनपी के पास पालपुर ले जाया गया। एक वायरल वीडियो में चीतों के बक्सों ग्वालियर हवाई अड्डे पर बोइंग विमान से उतारते और फिर हेलीकॉप्टरों में स्थानांतरित करते हुए देखा गया। मालवाहक बोइंग विमान ने शुक्रवार रात को नामीबिया से उड़ान भरी थी और लगभग 10 घंटे की लगातार यात्रा के दौरान चीतों को लकड़ी के बने विशेष पिंजरों में पहले ग्वालियर फिर यहां लाया गया।

नामीबिया से उड़ान भरने से पहले दुनिया में जमीन पर सबसे तेज दौडऩे वाले वन्यजीव को एक ‘ट्रैंक्विलाइजऱ दिया गया जिसका असर तीन से पांच दिनों तक रहता है। भारत में चीतों को विलुप्त घोषित किए जाने के सात दशक बाद इस प्रजाति को देश में फिर से बसाने की परियोजना के तहत नामीबिया से आठ चीतों को लेकर विशेष मालवाहक विमान शनिवार सुबह ग्वालियर के हवाई अड्डे पर उतरा था। इसके बाद इन्हें 20 से 25 मिनट की यात्रा के बाद 165 किलोमीटर दूर हेलीकॉप्टर से पालपुर फिर कुनो लाया गया।

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एक अधिकारी ने कहा कि यात्रा के दौरान चीते बिना भोजन के रहे और उन्हें बाड़े में छोड़े जाने के बाद खाने के लिए दिया गया। राष्ट्रीय उद्यान में एक मंच स्थापित किया गया जिसके नीचे चीतों को विशेष पिंजरे में रखा गया और शनिवार को 72 वर्ष के हो चुके मोदी ने लीवर चलाकर चीतों को बाड़े में छोड़ दिया, जो धीरे धीरे बाहर आते दिखे। इस मौके पर मोदी अपने कैमरे से चीतों की तस्वीरें लेते हुए भी दिखाई दिए।

कुनो राष्ट्रीय उद्यान विंध्याचल पहाडिय़ों के उत्तरी किनारे पर स्थित है और 344 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला हुआ है। अधिकारियों ने भारी बारिश, खराब मौसम और कुछ सड़कें अवरुद्ध होने के बावजूद कुनो में चीतों को अपने नए बसेरे में छोडऩे के मोदी के कार्यक्रम की तैयारियां पूरी की। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम से दो दिन पहले मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके में भारी बारिश हुई है।

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