अंतराष्ट्रीय

आतंकी संगठन ड्रोन (drones) से भारत में कर रहे ड्रग्स सप्लाई

नई दिल्ली. टॉप खुफिया सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ड्रोन के इस्तेमाल से ड्रग कार्टेल चला रहा है. बताया जा रहा कि भारतीय एजेंसियां पिछले महीने गिरफ्तार किए गए एक ड्रोन(drones)  गिरोह के डिटेल्स की जांच करना चाहती हैं, जो जैश से जुड़ा है. सूत्रों के मुताबिक, जेईएम हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारतीय एजेंसियां यह समझना चाहती है कि पाकिस्तानी के समर्थन के बिना यह कैसे संभव है.

भारत पिछले कुछ समय से कहता आ रहा है कि पाकिस्तान ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स भेज रहा है. इससे पहले लोकेशन भी शेयर किया गया था. सूत्रों ने कहा कि हालिया गिरफ्तारियां भारत के इस रुख की पुष्टि करती हैं कि यह गैर-सरकारी तत्व पैसे के लिए और आतंक फैलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं.

पंजाब में मिला था ड्रोन
26 अप्रैल को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पाकिस्तान से संबंधित एक ड्रोन को अमृतसर के करीब पंजाब के अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास इंटरसेप्ट किया था. मालूम हो कि यह इस तरह की पहली घटना नहीं है. बीएसएफ ने 13 अप्रैल को पंजाब में एक पाकिस्तानी ड्रोन बरामद किया था, जिसमें लगभग 4.5 किलोग्राम ड्रग्स था. पुलिस ने पाकिस्तानी पंजाब के शकरगढ़ के बारामंगा सीमा क्षेत्र से ड्रोन का इस्तेमाल कर हेरोइन तस्करी करने वाले 5 सदस्यीय गिरोह को भी गिरफ्तार किया है.स्थानीय पुलिस उपाधीक्षक राय एहसान इलाही ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आरोपियों को 22 फरवरी को बारामंगा से गिरफ्तार किया गया था. इनके पास से साढ़े तीन किलो हेरोइन, हथियार, 8 बैटरियां और एक ड्रोन कैमरा बरामद किया गया है. अधिकारियों ने कहा कि गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी शकरगढ़ के हैं और दो लाहौर के हैं.

हाईटेक तरीके से ड्रग्स सप्लाई
पुलिस के मुताबिक, आरोपी 1 साल से व्हाट्सएप पर दुबई से डिलीवरी लोकेशन और निर्देश प्राप्त कर लाहौर और अन्य इलाकों से भारत में हेरोइन की तस्करी करता था. डीएसपी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में मोहम्मद आसिफ, गुलाम ताहिर और मुहम्मद अशफाक शामिल हैं, जो शकरगढ़ के ब्लाकी गांव के रहने वाले हैं और लाहौर के मिर्जा अजहर बेग और हमजा इफ्तिखार बट हैं. उन्होंने कहा कि आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे ड्रोन की मदद से हेरोइन की तस्करी करते थे. उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप के जरिए डिलीवरी लोकेशन तय की जाती थी. ड्रग तस्करों का सरगना दुबई से काम कर रहा है.

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