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पाकिस्तान में आतंकी संगठन ने चीफ जस्टिस को धमकाया(पाकिस्तान )

इस्‍लामाबाद : पाकिस्तान (पाकिस्तान ) में नए मुख्य न्यायाधीश के साथ ही नया आतंकवादी संगठन तहरीक ए नमूस सामने आया है. संगठन ने पाकिस्तान चीफ जस्टिस के घर के पास बम पिस्तौल और जजों के घर का नक्शा रखकर धमकी दी है और कहा कि “पाकिस्तान में गलत व्यवस्था चलाने वालों को सबक सिखाने का फैसला किया गया है. इस नए संगठन की पहली कार्रवाई के प्रत्येक निशाने पर न्यायालय के न्यायाधीश और जनरल है.”

पाकिस्तान में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पद ग्रहण करते ही जस्टिस काजी फैज ईशा को डराने की कोशिश की गई है. उनके आवास के पास से एक बैग में तीन बम पिस्तौल और गोलियां रखी मिली हैं. इसके साथ ही बैग में उस इलाके यानी वीआईपी क्षेत्र का एक नक्शा भी बरामद हुआ है, जिसमें न्यायाधीशों के घरों की लोकेशन के अलावा कहां वीआईपी लोगों के घर शामिल है, साथ बैग में एक पत्र भी मिला है.

यह बैग उस दिन रखा गया जब जस्टिस फैज ईशा ने मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली है तो ऐसे में यह धमकी सीधे तौर पर उन्हें दी गई है. ध्यान रहे कि जस्टिस ईशा को अगले 13 महीने तक यानी 25 अक्टूबर 2024 तक पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम करना है और इस दौरान उन्हें कई अहम और कड़े फैसले लेने पड़ सकते हैं जो अगर कानून के मुताबिक लिए गए तो संभवतः पाकिस्तान के मौजूदा प्रशासक पाकिस्तान की फौज और वहां के राजनेताओं को पसंद ना आए. ऐसे में माना जा रहा है कि यह धमकी सीधे तौर पर नए मुख्य न्यायाधीश को दिलाई गई है, जिससे वह जो भी फैसला लें सोच समझ कर लें.

इस पत्र को कथित तौर पर एक नए आतंकवादी संगठन तहरीक ए नमूस द्वारा लिखा गया है. इस संगठन ने खुद को पाकिस्तानी अवाम की लोकप्रिय पार्टी बताते हुए कहा है कि पाकिस्तान के हालात दिन- प्रतिदिन बदलते जा रहे हैं हर रोज मंहगाई बढ़ती जा रही है. पेट्रोल चीनी समेत हर चीज की कीमत बढ़ रही है. पहले साल में महंगाई बढ़ती थी अब पाकिस्तान में हर दिन महंगाई बढ़ती जा रही है. अदालतें चिड़ियाघर बन गई हैं. कार्यवाहक सरकार आईएमएफ की गुलाम है. फौजी जनरल राजनीति कर रहे हैं. प्रतिभा पलायन लगातार हो रहा है. लाखों पाकिस्तानी निराशा में देश के बाहर हैं. इस स्थिति को देखते हुए इस संगठन ने पाकिस्तान में समस्याओं के समाधान के लिए व्यावहारिक कदम उठाने और सिस्टम को गलत तरीके से चलाने वाले लोगों और जनरलों को सबक सिखाने का फैसला किया है’.

पत्र में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि ‘संगठन की पहली कार्रवाई के तौर पर प्रत्येक निशाने पर न्यायालय के न्यायाधीश और जनरल हैं. संगठन का उद्देश्य सत्ता के नशे में धुत अभिजात वर्ग को यह संदेश देना है कि यदि वे अपने ही देश में मौजूद गरीब लोगों के बजाय अपने निजी हितों को साधते हैं तो उन्हें सबक सिखाया जाए. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि यह पत्र और बैंक का सामान सीधे तौर पर न्यायाधीशों समेत अन्य वीआईपी लोगों के लिए जान से मारने की धमकी है’.

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