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टेलीकॉम (Telecom )कंपनियां को मिली ये बड़ी ‘आजादी’,

टेलीकॉम कंपनियां: टेलीकॉम (Telecom ) कंपनियां अब बॉर्डर वाले इलाकों में सेवा दे सकेंगी. सरकार ने Unified Access Services License Agreement (UASL) की शर्तों में संशोधन किया है. इसके बाद लेह, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, अरुणाचल, राजस्थान और उत्तराखंड के बॉर्डर इलाकों समेत कई स्थानों पर अब टेलीकॉम सेवा मिलने की शुरुआत हो सकेगी और बेहतर नेटवर्क उपलब्ध हो सकेगा. LoC, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर टेलीकॉम सेवा के लिए आर्मी की मंजूरी और उनके द्वारा रिव्यू की शर्तें हटाई गई हैं.

दूरसंचार कंपनियों को अभी तक सीमा के पास के स्थानों पर सेवाएं उपलब्ध कराने की अनुमति नहीं थीं. कंपनियों को सीमा से थोड़ा आगे ‘सिग्नल’ को हल्का करना पड़ता था. लाइसेंस के पूर्व के सुरक्षा प्रावधानों के अनुसार, मोबाइल दूरसंचार सेवाएं देने के लिए बेस स्टेशन, सेल स्टेशन और रेडियो ट्रांसमीटर को अंतराष्ट्रीय सीमा के पास ‘व्यवहार्य’ दूरी पर लगाने की जरूरत होती थी. इसके लिए दूरसंचार कंपनियों को उचित तकनीकी ढांचा लगाने की जरूरत होती थी. विभाग की तरफ से जारी सर्कुलर के अनुसार, इस शर्त को अब हटा दिया गया है. सूत्रों ने कहा कि इस कदम से सीमा क्षेत्रों में दूरसंचार कवरेज में सुधार होगा और लोगों को सेवाओं से वंचित नहीं रहना होगा.

इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स ने कहा कि सुरक्षा से जुड़े नियमों में ढील से सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल रोलआउट को बढ़ावा मिलेगा और मौजूदा मोबाइल कवरेज में भी सुधार होगा. उन्होंने कहा, उदाहरण के लिए इन क्षेत्रों में रहने वाले कई भारतीय अक्सर बांग्लादेश, चीन या पाकिस्तान में सीमा पार आस-पास के मोबाइल नेटवर्क से जुड़े रहते हैं क्योंकि कवरेज प्रतिबंधों के कारण भारतीय टेलीकॉम कंपनियों का मोबाइल सिग्नल उपलब्ध नहीं था. लेकिन अब ऐसा नहीं रहेगा. सीमाई इलाकों में रहने वाले भारतीय अब अपने देश की मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क इस्तेमाल कर पाएंगे और नेटवर्क कवरेज भी ज्यादा मजबूत होगा.

इस संशोधन के बाद टेलीकॉम कंपनियों को बेस स्टेशन, सेल साइट और लाइन ऑफ कंट्रोल, लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल और पठान कोट व अखनूर के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के 10 किलोमीटर के भीतर रेडियो ट्रांसमीटर्स लगाने के लिए पहले आर्मी से इजाजत नहीं लेनी होगी.

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