दूरसंचार और इंटरनेट सर्विस देने वालों लेना होगा लाइसेंस

ओवर द टॉप (Service) (ओटीटी) यानी ऐसी दूरसंचार सेवाएं जो परंपरागत दूरसंचार सेवाओं से अलग हैं और इंटरनेट के जरिये काम करती हैं, उन्हें भी दूरसंचार सेवा के दायरे में लाया जाएगा। ओटीटी सर्विसेज (Service) को भी दूरसंचार सेवाओं का हिस्सा माना जाएगा।
ड्राफ्ट बिल के अनुसार, किसी भी दूरसंचार सेवा और नेटवर्क की सुविधा देने वाले को लाइसेंस लेना होगा। सरकार बिल में दूरसंचार और इंटरनेट सर्विस देने वालों की फीस और पेनल्टी को माफ करने के लिए भी एक प्रस्ताव रखा है।
सरकार ने ड्राफ्ट टेलीकम्युनिकेशन बिल 2022 में कई ऐसे प्रस्ताव पेश किए हैं, जिनसे दूरसंचार कानूनों में भारी बदलाव आ जाएगा। मंत्रालय ने प्रस्ताव भी रखा है अगर दूरसंचार या इंटरनेट सेवाप्रदाता अपना सर्विस लाइसेंस सरेंडर कर देता है तो उसकी भरी गई फीस वापस कर दी जाए।
नया दूरसंचार बिल इंडस्ट्री के पुनर्गठन और नई तकनीक को अपनाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट रोडमैप प्रदान करेगा। अगले डेढ़ साल से दो साल में, सरकार को संपूर्ण डिजिटल नियामक ढांचे को पूरी तरह से बदलने में सक्षम होना चाहिए।
क्षेत्र में दूरसंचार के विश्व स्तरीय प्रैक्टिस को अपनाना, संविधान और नियम-कायदों का ध्यान रखते हुए साइबर सिक्योरिटी, राष्ट्रीय सुरक्षा और आम खतरों से निपटने की तैयारी करना। दूरसंचार और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर पर पेनल्टी लगाने और दंड देने की प्रक्रिया ।