अंतराष्ट्रीय

तहरीक-ए-तालिबान (Tehreek-e-Taliban )ने इस साल पाकिस्तान में सबसे ज्यादा हमले किये

इस्लामाबाद: साल भर पहले पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के क़ब्ज़े को लेकर जश्न मना रहा था. पाकिस्तान तालिबान की मदद से अफ़ग़ानिस्तान में अपने वर्चस्व को बढ़ाने और बड़े भाई की भूमिका निभाने की फ़िराक में था. लेकिन तालिबान विचारधारा वाले तहरीके तालिबान (Tehreek-e-Taliban ) ने पाकिस्तान के सारे प्लान पर पानी फिरा दिया और ऐसी मुसीबत कड़ी कर दी जिससे बाहर निकलना पाकिस्तान को नामुमकिन सा लगने लगा है. पाकिस्तान के एक थिंकटैंक की स्टडी की रिपोर्ट से मालूम चला कि साल 2021 के मुक़ाबले 2022 में आतंकी हमलों में 27 फीसदी बढोतरी हुई है.

2022 में हमले की घटना में बढ़ोतरी
2022 में पाकिस्तान में कुल 262 आतंकी हमले हुए जिनमें 14 आत्मघाती हमले हुए थे. इनमे 180 के हमले पाकिस्तानी सेना या फिर सुरक्षा एजेंसियों को टारगेट करके की गयी थी. आतंकी हमले में अब तक 419 लोगों की मौत हुई जिनमे 724 लोग घायल हुए. मारे गए लोगों में 200 से ज़्यादा सैनिक और सिक्योरिटी एस्टिबलिशमेंट के लोग मारे गए है. आतंकी हमले ने पाकिस्तान में नाक में दम कर रखा है. नवंबर में हुए टीटीपी (TTP) के साथ ख़त्म हुए सीजफायर के बाद से ही टीटीपी ने हमले तेज करने का एलान कर दिया था और उसके बाद से ताबड़तोड़ हमले पाकिस्तानी सेना पर जारी है. इस्लामिक स्टेट खोरासान ने भी पाकिस्तान की फ़ौज को निशाना बना कर हमले तेज कर दिए हैं. वहीं, लंबे समय से पाकिस्तान से अपनी आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे बलूच ने भी पाकिस्तान की नाक में दम कर रखा है.

ज्यादातर हमले खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में
हमले की आकड़ों की बात करें तो 95 फ़ीसद खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुए. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में टीटीपी ने 89 और इस्लामिक स्टेट खोरासान ने 23 हमले किये तो वहीं बलूच विद्रोहियों ने 46 हमले किए जिनमें से 45 बलूचिस्तान में और एक कराची में अंजाम दिया. साल 2021 में पाकिस्तान में टीटीपी, स्थानीय तालिबान गुट, इस्लामिक स्टेट खोरासान और अन्य आतंकी संगठन ने कुल 179 हमले किए. वहीं, बलूच और सिंध नेशनलिस्ट आतंकी संगठन ने पाकिस्तान में 79 हमले किये. अगर अफ़ग़ानिस्तान पाकिस्तान बॉर्डर पर हमलो के आँकड़ों पर नज़र डालें तो साल भर में 15 क्रास बॉर्डर अटैक किए गए जिनमें 13 अटैक खैबर पख़्तूनखवा और बलूचिस्तान से लगती सीमा से हुए है जिनमें 20 सैनिको की मौत हो गई जबकि 52 घायल हुए थे.

सीजफायर के संकेत
पाकिस्तान के एक सांसद ने नेशनल असैंबली में सरकार पर टीटीपी और तालिबान के खैबर इलाके में हुए हमले के बारे में सवाल पूछा था. लेकिन आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रही पाकिस्तान सरकार के पास टीटीपी से समझौते के अलावा कोई विकल्प नहीं दिख रहा. हालांकि टीटीपी भी पाकिस्तान सरकार से सीजफायर के संकेत दे रहा है. दिक्कत बस इस बात का है कि पाकिस्तान टीटीपी के अफ़ग़ानिस्तान में ठिकाने पर सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान और अमेरिका का समर्थन देना उसके गले की फ़ांस बनी हुई है.

 

 

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