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संविधान बदलने की बात करके आरएसएस ने फिर दिखाई अपनी असली सोच : डॉ सी पी राय कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन ने हँसबोले के बयान को बताया लोकतंत्र विरोधी !

लखनऊ -:  उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ सी पी राय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष पदाधिकारी दत्तात्रेय हँसबोले के संविधान पर दिए गए बयान को अत्यंत आपत्तिजनक और खतरनाक करार दिया है। डॉ राय ने कहा कि हँसबोले द्वारा संविधान बदलने की मांग दरअसल आरएसएस की उसी मूल विचारधारा का हिस्सा है, जो हमेशा से लोकतंत्र, समानता और न्याय के विरोध में रही है।उन्होंने कहा कि आरएसएस के आदर्श गुरु गोलवलकर की सोच गरीब, दलित, पिछड़े और महिलाओं के प्रति हिकारत से भरी रही है।

वही सोच आज भी आरएसएस के नेतृत्व और नीतियों में झलकती है। संविधान लागू होने के तत्काल बाद से ही संघ ने इसका विरोध शुरू कर दिया था, क्योंकि यह संविधान मनुवादी व्यवस्था को खत्म कर समता और न्याय आधारित समाज की नींव रखता है।डॉ राय ने कहा कि समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर आधारित भारत का संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है — चाहे वह सामाजिक, आर्थिक हो या धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़ा हो।

समाजवाद का उद्देश्य संसाधनों का न्यायसंगत वितरण और वंचित वर्गों को समान अवसर देना है, जबकि धर्मनिरपेक्षता यह सुनिश्चित करती है कि राज्य किसी एक धर्म का पक्ष न ले और सभी को अपनी आस्था के अनुसार जीने का अधिकार दे।उन्होंने कहा कि आरएसएस को संविधान की इन मूल आत्माओं से हमेशा आपत्ति रही है, क्योंकि इसकी सोच जाति आधारित ऊंच-नीच और धार्मिक श्रेष्ठता पर आधारित है। यही कारण है कि संघ के लोग बार-बार संविधान की आलोचना करते हैं और मनुवादी ढांचे की ओर लौटने की वकालत करते हैं।डॉ राय ने कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता ही वह आधार हैं, जिनसे सामाजिक एकता और समावेशिता को बल मिलता है।

ग्रामीण विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार समाजवादी नीतियों की देन है, वहीं विभिन्न धर्मों के बीच सौहार्द और सहयोग की भावना को धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था ने ही जीवित रखा है।उन्होंने कहा कि आज जबकि भारत प्रगति और न्याय आधारित समावेशी राष्ट्र की दिशा में बढ़ रहा है, आरएसएस जैसे संगठनों की ओर से संविधान बदलने जैसी बातें राष्ट्र को पीछे ले जाने की कोशिश हैं। डॉ राय ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान और इसके मूल सिद्धांतों की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर संघर्ष करेगी, और आरएसएस की विभाजनकारी सोच को कभी सफल नहीं होने देगी।

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