विरोध कर रही महिलाओं को हिरासत में ले रहा है तालिबान(Taliban)
काबुल. तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के एक वर्ष के भीतर ही महिला विरोधी सख्त शरिया कानून (Sharia Law) को देश में कड़ाई से लागू करना शुरू कर दिया है. तालिबान ने 7 वीं कक्षा के बाद लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी लगा दी है.
बुधवार को जारी एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग एक साल पहले सत्ता संभालने के बाद से तालिबान (Taliban) द्वारा महिलाओं का उत्पीड़न शुरू कर दिया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान अब सरकारी दफ्तरों से महिलाओं को निकाल रहा है. अब इन दफ्तरों में बस पुरुष ही काम कर पाएंगे. काबुल पर पिछले वर्ष सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान ने खुद को महिला हितैषी दिखाने के प्रयास किये थे. तालिबान ने महिलाओं को पढ़ने और काम करने की छूट दी थी. हालांकि एक साल बीतने के तालिबान वापस अपना अमानवीय चेहरा दिखाने लगा है.
अब महिलाओं को ढकना होगा पूरा शरीर
अफगानिस्तान में सभी महिलाओं को बाहर निकलते समय पूरे शरीर को ढकना होगा. सिर्फ आंखो को खुला रखने की छूट है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में बाल विवाह में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिली है. साथ ही महिला के लिए बनाये गए घरेलू हिंसा कानून को भी खत्म कर दिया गया है.
इस रिपोर्ट को बनाने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 14 से 74 साल की उम्र की 90 महिलाओं और 11 लड़कियों का साक्षात्कार लिया था.
तालिबान ने स्तनों और पैरों के बीच पीटा
एक महिला ने एमनेस्टी को बताया कि गार्ड ने उसे और अन्य महिलाओं को स्तनों और पैरों के बीच पीटा ताकि वे दुनिया को तालिबान का क्रूर चेहरा न दिखा सकें.
तालिबान ने इन महिलाओं को जान से मारने की धमकी भी दी थी. ऐसी ही एक हिरासत में ली गई छात्रा ने बताया कि उसके कंधे, चेहरे, गर्दन और अन्य जगहों पर बिजली का झटका दिया गया था. एक तालिबानी ने उस पर बंदूक तान दी और कहा कि वह उसे मार डालेगा तो भी उसे कोई कुछ नहीं कहेगा.
13 साल की लड़की की शादी 30 साल के पड़ोसी से
अफगानिस्तान के एक मध्य प्रांत की महिला ने एमनेस्टी को बताया कि 60,000 अफगानी पैसों के बदले उसे अपनी 13 वर्षीय बेटी की शादी 30 वर्षीय पड़ोसी से करने के लिए मजबूर किया गया था. उस महिला की एक 10 साल की बेटी भी है जिसे वह पढ़ना चाहती है.