हिंदी को राष्ट्रभाषा और संयुक्त राष्ट्र की भाषा बनाने हेतु तीर्थ नगरी हरिद्वार के ऋषिकुल विश्वविद्यालय में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गयाl जिसमें देश के पूर्व शिक्षा मंत्री

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