स्वामी अग्निवेश चुपचाप चले गए आप
सहारनपुर।बेहद अफसोस के साथ लिखना पड़ रहा है कि आज देश ने गंगा जमुनी तहजीब का सबसे बड़ा अलंबरदार और मानव जीवन का खेवनहार, एक बेहतरीन खुश मिजाज और ईमानदार, सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आदरणीय, सम्माननीय माननीय स्वामी अग्निवेश जी को खो दिया है।
■ स्वामी अग्निवेश जी उस महान व्यक्तित्व के मालिक थे कि जिन्होंने हिंदू मुस्लिम की दीवारों को तोड़कर, सिर्फ और सिर्फ मानवता और प्रेम का संदेश दुनिया वालों को दिया है। हजारों ऐसे मौके आए हैं कि जब जब देश के हालात खराब हुए, तो स्वामी अग्निवेश जी अपनी जान की परवाह किए बगैर मैदान में आ डटे और नफरत के सौदागरों को खुलेआम ललकारा तथा उन्हें प्यार मौहब्बत और भाईचारे का संदेश देते हुए भटके हुए लोगों को सीधे रास्ते पर लाने का प्रयास करते थे आज उनका अचानक यूं हमसे बिछड़ कर चले जाने का हमें बेहद अफसोस है । अंतर्राष्ट्रीय शायर मरहूम राहत इंदौरी साहब ने भी क्या खूब कहा है :—
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शाम ढले हर पंछी को घर जाना पड़ता है
कौन खुशी से मरता है मर जाना पड़ता है