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पुलिस का मुखबिर(police informer) होने का शक

कोंडागांव:छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में शनिवार की देर रात नक्सलियों ने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी है। हत्या के बाद मौके पर माओवादियों ने हत्या के सम्बंध में पर्चा भी फेंका है। मृतक का नाम सोमा राम मंडावी बताया जा रहा है। मृतक की उम्र लगभग 35 वर्ष थी और वह किसानी का काम करता था। मृतक पर नक्सलियों को पुलिस का मुखबिर (police informer) होने का शक था।

जानकारी के मुताबिक, शनिवार की देर रात रोज की तरह सोमा घर पर खाना खाकर परिवार के साथ सो रहा था, तभी लगभग आधे दर्जन नक्सली घर में घुसे और सोमा की बुरी तरह से पिटाई करने लगे। इस दैरान परिवार के सदस्यों ने माओवादियों से सोमा को छोड़ देने की गुहार लगाई पर माओवादियों ने परिवार के सामने ही सोमा की गोली मारकर हत्या कर दी। इस दौरान माओवादियों ने वहां पर्चा भी फेंका। माओवादियों ने अपने पर्चे में मृतक सोमा राम पर 11 मार्च 2020 में हुई मुठभेड़ में अपने मारे गए साथी वर्गेश की मुखबिरी करने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन मर्दापाल टीआई को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही माओवादी संगठन के खिलाफ मुखबिरी करने वाले को इसी तरह मौत की सजा देने की चेतावनी दी है।

घटना के संबंध में कोंडागांव एसपी दिव्यांग पटेल ने जानकारी देते हुए बताया कि देर रात लगभग 9 बजे माओवादियों ने हत्या करने की घटना को अंजाम दिया है। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस अधिकारी पहुंचे। वहीं माओवादियों ने अपने पर्चे में मृतक पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया है, जिसे खारिज करते हुए एसपी ने कहा कि मृतक का पुलिस से कोई संबंध नही था और न ही उसके द्वारा कभी कोई जानकारी साझा की गई थी।

पटेल ने कहा कि माओवादियों द्वारा क्षेत्र में दहशत फैलाने के उद्देश्य से इस घटना को अंजाम देकर मृतक पर झूठा आरोप लगाया है। आपको बता दें कि अभी हाल में ही कोंडागांव जिले को नक्सल प्रभावित जिले की सूची से हटाकर आंशिक नक्सल प्रभावित की सूची में रखा गया था। ऐसे में नक्सलियों द्वारा की गई इस घटना ने जिले से कम होते नक्सल प्रभाव के दावों पर फिर से सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

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