पत्रकारिता का अस्तित्व बचालो मोदी जी काफी जर्जर है चौथा स्तंभ

शिवाकान्त पाठक
रिपोर्ट गुलफाम अली उत्तराखंड प्रभारी
उत्तराखंड! ऐक भेंट वार्ता के दौरान श्रमजीवी पत्रकार यूनियन संघ हरिव्दार इकाई के सचिव व लखनऊ पत्रकार ऐसोसिऐसन के उत्तराखण्ड प्रभारी स. सम्पादक शिवाकान्त पाठक ने कहा कि अब इस समय पत्रकारों के हितों की सुरक्षा को देखते हुए पत्रकार ऐक्ट बिल की बेहद आवस्यकता है वरना पत्रकारिता का अस्तित्व दिनों दिन खतरें में पड़ता नजर आ रहा है!
ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री प्रयागराज ,ने कहा था कि हमने केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार को पत्रकारों के लिए 50 लाख का बीमा एवं पत्रकारों को कोरोना वारियर्स मानने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन यह मांग आज तक अधूरी रही क्यों कि नगाड़ खाने में तूती की आवाज सुनने वाला कोई नहीं है आज भी पत्रकार अपनी जान को जोखिम में डालकर जनता की समस्याओं को सरकार तक एवं सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचा रहे हैं और साथ ही सच्चे मन से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. और लोगों को इस वैश्विक महामारी के प्रति जागरूक कर रहे हैं. लेकिन उनका भविष्य व उनके परिवार की सुरक्षा की चिंता किसी को नहीं है. बहुत से पत्रकार कोरोना महामारी के शिकार हो चुके हैं लेकिन फिर भी पत्रकार अपने दायित्व का निर्वहन बखूबी कर रहे हैं. इसके बावजूद अभी तक देश के पत्रकारों को कोरोना वारियर्स नहीं माना गया और न ही उनका पचास लाख का बीमा किया गया, जो कि देश के पत्रकारों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है.
श्री पाठक ने कहा कि कोविड -19 के दौरान देश के पत्रकारों द्वारा सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों पर सकारात्मक रिपोर्टिंग की जा रही है लेकिन फिर भी सरकार का रवैया पत्रकारों के प्रति नकारात्मक सा है और यहां तक पत्रकारों पर ही छोटी छोटी बातों पर मुकदमे दर्ज किए गए. जो चिंतनीय एवं निंदनीय है.