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PMLA पर दिए गए अपने फैसले का रिव्यू करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (review of judgment) आज प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) पर दिए गए अपने फैसले का रिव्यू (review of judgment) करेगा। यह सुनवाई ओपन कोर्ट में होगी। यानी इसमें मीडिया और आम लोगों को कोर्ट की कार्यवाही में देखने के लिए शामिल होने दिया जाएगा।

इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम, महाराष्‍ट्र सरकार के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी ED की गिरफ्तारी, जब्ती और जांच प्रक्रिया को चुनौती दी थी। तब कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तारी मनमानी नहीं है।

इसे लेकर सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी, जिसपर आज सुनवाई होगी। कोर्ट ने 27 जुलाई को PMLA के विभिन्न प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 241 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए इस एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मिले गिरफ्तारी के अधिकार को बरकरार रखा था।

27 जुलाई को जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने विजय मदनलाल चौधरी v/s यूनियन ऑफ इंडिया केस और 240 याचिकाओं पर फैसला सुनाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा था-

1. ED का गिरफ्तारी करने, सीज करने, संपत्ति अटैच करने, रेड डालना और बयान लेने के अधिकार बरकरार रखे गए हैं।

2. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिकायत ECIR को FIR के बराबर नहीं माना जा सकता है। ये ED का इंटरनल डॉक्यूमेंट है।

3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ECIR रिपोर्ट आरोपी को देना जरूरी नहीं है। गिरफ्तारी के दौरान केवल कारण बता देना ही काफी है।

4. PMLA में 2018-19 में हुए संशोधन क्या फाइनेंस एक्ट के तहत भी किए जा सकते हैं? इस सवाल पर 7 जजों की बेंच मनी बिल के मामले के तहत विचार करेगी।

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