चार दशकों में सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या के 67 मामलों का किया निपटारा
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने गत 40 सालों में दुष्कर्म और हत्या के 67 ऐसे मामलों की सुनवाई की जिनमें पीडि़त की उम्र 16 साल से कम थी और इनमें से 12 मामलों में मौत की सजा की पुष्टि की गयी। शीर्ष अदालत ने कहा कि 15 मामलों में मौत की सजा सुनायी गई लेकिन पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद तीन दोषियों की सजा उम्र कैद में तब्दील कर दी गई। कोर्ट ने कहा कि कुल 67 मामले ऐसे आए जिनमें दुष्कर्म और हत्या प्रधान अपराध थे और पीडि़तों की उम्र 16 साल से कम थी एवं इनमें से 12 मामलों में मौत की सजा की पुष्टि की गई। न्यायालय ने कहा कि इन 67 मामलों में भी 51 मामले ऐसे थे जिनमें पीडि़त की उम्र 12 साल से भी कम थी। सुप्रीम कोर्ट ने इन तथ्यों का उल्लेख महाराष्ट्र में वर्ष 2013 में ढाई साल की एक बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी की सजा उम्र कैद में तब्दील करने के फैसले में की।