पूरी तरह स्वदेशी निर्मित 5 जी कॉल का सफल परीक्षण
नई दिल्ली. केंद्रीय संचार मंत्री अश्वनि वैष्णव ने देश की पहली 5 तकनीकी आधारित ऑडियो और वीडियो कॉल का परीक्षण किया है. यह कॉल परीक्षण के दौरान की गई जो पूरी तरह सफल रही. 5 जी कॉल पूरी तरह से स्वदेशी निर्मित तकनीकी से किया गया है. इसके पूरे नेटवर्क का डिजाइन भारत में ही हुआ है. संचार एवं रेल मंत्री अश्वनि वैष्णव ने कू पर लिखा है, आईआईटी मद्रास से सफलातपूर्वक 5 जी कॉल का परीक्षण किया. इसका पूरा इंड टू इंट नेटवर्क का डिजाइन और विकास भारत में ही किया गया है. दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जी टेस्टबेड को लॉन्च किया था. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि 5 जी टेस्टबेड देश की पूरी इंडस्ट्री और स्टार्टअप को सपोर्ट करेगा.
भारत में बनी पूरी दुनिया के लिए है यह तकनीकी
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक 5 जी टेस्ट बेड तकनीकी को 8 संस्थानों ने मिलकर तैयार किया है. इसमें आईआईटी बंबई, दिल्ली, हैदराबाद, कानपुर, आईआईएससी बेंगलुरु, सोसाइटी फॉर माइक्रोवेव इलेक्ट्रोनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी (CEWiT)शामिल है. रेल मंत्री अश्वनि वैष्णव ने इसके परीक्षण के दौरान कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की सच्ची तस्वीर है. उनके विजन के कारण ही देश में 4 जी और 5 जी टेक्नोलॉजी का विकास हुआ. यह भारत में बनी है और पूरी दुनिया के लिए है. हमें इसी तकनीकी की विशालता के साथ दुनिया को जीतना है.
इस तकनीकी से 450 अरब डॉलर का फायदा होगा
माना जा रहा है कि इस साल तक 5 जी सेवा पूरे देश में शुरू हो जाएगी. इसके शुरू होने के साथ ही सर्विस की गुणवत्ता का पूरा परिदृश्य बदल जाएगा. इसके अलावा कई तरह की नई सर्विस मिलने लगेगी. इसके परीक्षण के मौके पर ट्राई के चेयरमैन पीडी वघेला ने कहा इस डिजिटल तकनीकी से शिक्षा, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एनर्जी और अन्य सेक्टर में सर्विस की डिलिवरी पूरी तरह से बदल जाएगी. लोगों को पहले से कहीं ज्यादा गुणवत्तापूर्ण सर्विस मिलेगी. 17 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस 5 जी टेस्टबेड का उद्घाटन किया था. इस तकनीकी को विकसित करने में 220 करोड़ की लागत आई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 टेस्टबेड को लॉन्च करते हुए कहा था कि यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा था कि अगले 15 सालों से 5 जी नेटवर्क से देश की अर्थव्यवस्था को 450 अरब डॉलर का फायदा होगा.