
कोच्चि । केरल (full arm transplant) के कोच्चि में एक प्राइवेट हॉस्पिटल ने देश में पहली बार एक पेशेंट का फुल आर्म ट्रांसप्लांट (full arm transplant) करने में सफलता हासिल की है। जिस पेशेंट्स का आर्म ट्रांसप्लांट किया गया, वह इराकी नागरिक यूसुफ हसन सईद अल जुवैनी है। उन्होंने बिजली का झटका लगने की वजह से अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे। अमृता अस्पताल की डॉ. अय्यर के नेतृत्व वाली सर्जरी टीम ने जनवरी 2015 में पहली बार हैंड ट्रांसप्लांटेशन किया था।
इस अस्पताल में अब तक 11 हैंड ट्रांसप्लांटेशन किए जा चुके हैं। यूसुफ हसन 2019 में एक दीवार को ड्रिल कर रहे थे। इस दौरान उन्हें एक हाई-वोल्टेज इलेक्ट्रिक केबल से बिजली का झटका लगा। डॉक्टरों को उनकी जान बचाने के लिए दोनों हाथों को कोहनी से काटना पड़ा। इधर, केरल के अलाप्पुझा की रहने वाली 39 साल की एक महिला अंबिली के एक्सीडेंट हो गया था।
अंबिली को अमृता अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। डॉ अय्यर ने बताया कि दोनों हाथों को कंधे के लेवल पर जोड़ा जाना था। कुछ ब्लड वेसेल्स को जोड़ना कठिन था, लेकिन इसे ठीक कर लिया गया। यूसुफ को 3 हफ्ते बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
हादसे के छह महीने बाद यूसुफ हैंड ट्रांसप्लांटेशन के बारे में जानने के लिए कोच्चि के अमृता अस्पताल पहुंचे। उन्होंने जुलाई 2021 में केरल ऑर्गन शेयरिंग (KNOS) में ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। बाद में अंबिली का परिवार उनके अंगों को दान करने के लिए तैयार हो गया। 2 फरवरी, 2022 को डॉ. अय्यर और डॉ. शर्मा के नेतृत्व में 16 घंटे की सर्जरी में अंबिली के हाथों को यूसुफ से जोड़ा गया।