ईमानदार ( honest) व्यवहार का अध्ययन

लंदन. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ईमानदारी का अध्ययन करने वाली एक पुरस्कार विजेता प्रोफेसर पर धोखाधड़ी करने का आरोप लग गया है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में व्यवहार विज्ञान की प्रोफेसर फ्रांसेस्का गीनो पर आरोप है कि उसने बीते दस सालों के दौरान चार अलग-अलग रिसर्च पेपर में डेटा मनमर्जी से बना लेने का आरोप है. इसमें ईमानदार ( honest) व्यवहार का अध्ययन भी शामिल है.
हार्वर्ड बिजनेस स्कूल (एचबीएस) की जानी-मानी प्रोफेसर फ्रांसेस्का गीनो पर गंभीर आरोप लगे हैं. गीनो, ने कई पत्रिकाओं में 135 से अधिक अकादमिक पत्रों का सह-लेखन किया है, लेकिन उन पर कई अध्ययनों में डेटा गढ़ने का आरोप है, जिसकी जांच हार्वर्ड एक साल से अधिक समय से कर रहा है.
2012 में पहली बार गड़बड़ी सामने आई थी
ये धोखाधड़ी तब सामने आई जब 2012 में गीनो ने ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ के लिए सह-लेखक के रूप में जो पेपर लिखा था, उसे परिणामों में गड़बड़ी करने के लिए जर्नल द्वारा वापस ले लिया गया था. इधर, द क्रॉनिकल ऑफ हायर एजुकेशन की रिपोर्ट के अनुसार, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में प्रोफेसर फ्रांसेस्का गीनो के साथ 2012 के पेपर के सह-लेखक मैक्स बजरमैन ने खुलासा किया है. दरअसल यह सूचना हार्वर्ड ने ही दी थी कि गीनो के एक अध्ययन में फर्जी डेटा का इस्तेमाल किया था.
सह- लेखक ने भी लगाए थे आरोप, खुद गड़बड़ी करने से किया था इनकार
बजरमैन ने कहा कि हार्वर्ड ने अनधिकृत डेटाबेस पहुंच और फ़ाइल हेरफेर सहित डेटा छेड़छाड़ का 14 पेज का ठोस सबूत प्रदान किया है. बजरमैन ने कथित डेटा धोखाधड़ी में शामिल होने से इनकार किया और समाचार से कहा, “मेरा इस फर्जीवाड़े से कोई लेना-देना नहीं है.”