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विद्युत चोरी करने वाले और करवाने वाले कार्मिकों दोनों पर होगी  सख्त कार्यवाही -ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा

लखनऊ: 16 जून 2024 – उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी व लू के कारण तथा बिजली के घरेलू उपयोग बढ़ने से बिजली की अप्रत्याशित मांग बढ़ी है। इस बढ़ी हुई मांग को सभी विद्युत कार्मिक, यूपीपीसीएल और डिस्कॉम के प्रबंधन ने अपने पूर्ण कौशल और कर्तव्यपरायणता का परिचय देते सकुशल पूरा किया और पूरे प्रदेश में 24 घंटे में विद्युत की निर्वाध आपूर्ति कर रहे, जिससे भीषण गर्मी व लू से होने वाली परेशानियों से प्रदेशवासियों को राहत मिली है। स्थानीय दोषो, आंधी व तूफान या अन्य किसी कारण से आपूर्ति बाधित होने के अलावा बिना किसी भेदभाव के पूरे प्रदेश को रोस्टर मुक्त करके 24 घंटे बिजली दी जा रही है। फिर भी कुछ लोगों द्वारा बिजली नहीं आने का दुष्प्रचार किया जा रहा है, जो कि घोर निन्दनीय व द्वेषपूर्ण है। उ0प्र0 के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने रविवार को अपने 14 कालीदास, लखनऊ स्थित आवास पर मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता कर प्रदेश की विद्युत आपूर्ति एवं व्यवस्था की जानकारी दी।

ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि उ0प्र0 में 30,618 मेगावाट विद्युत की अधिकतम मांग को सकुशल पूरा किया गया और पूरे देश में सबसे ज्यादा 655.66 मिलियन यूनिट बिजली आपूर्ति प्रदेश में एक दिन में की गयी। वर्तमान में उ0प्र0 पूरे देश में सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए महाराष्ट्र से भी 4000 से 5000 मेगावाट अधिक की आपूर्ति कर रिकार्ड बना रहा है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष प्रदेश में 28,284 मेगावाट सर्वाधिक मांग थी। जो कि इस वर्ष 28,284 मेगावाट से गर्मी की शुरूआत हुई और यह अब तक 30,618 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। आगे अभी भीषण गर्मी से राहत न मिली तो 31 हजार मेगावाट से भी अधिक विद्युत मांग बढ़ेगी। कहा कि वर्तमान मांग को पूरा करने के लिए पहले से ही तैयारी की गयी और उन राज्यों से तापीय और जल विद्युत दोनों प्रकार के विद्युत खरीद का अनुबंध किया गया, जहां पर विद्युत अधिक थी। प्राइवेट एजेंसियों तथा एक्सचंेज से भी बिजली खरीद की गयी।

  • प्रदेश में हो रही निर्वाध विद्युत आपूर्ति, भीषण गर्मी व लू में उपभोक्ताओं को नहीं हुई परेशानी
  • बिना किसी भेदभाव के पूरे प्रदेश को मिल रही 24 घंटे विद्युत आपूर्ति
  • उ0प्र0 में 30,618 मेगावाट की अधिकतम मांग को सकुशल पूरा किया गया
  • देश में सबसे ज्यादा 655.66 मिलियन यूनिट बिजली आपूर्ति प्रदेश में की गयी
  • विगत 50 वर्षों की विद्युत की बिगड़ी व्यवस्था को पटरी पर लाया गया
  • विगत 02 वर्षों में किये गये अनुरक्षण कार्यों से निर्वाध विद्युत आपूर्ति देने में मिली सफलता
  • प्रदेश को 24 घंटे बिजली आपूर्ति देने का है संकल्प व दृढ़इच्छा
  • विद्युत चोरी करने वाले और करवाने वाले कार्मिकों दोनों पर होगी सख्त कार्यवाही

उन्होंने कहा कि वर्ष 1970 से अब तक लगभग 50 वर्षों से प्रदेश की बदहाल विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने व पटरी पर लाने के लिए विगत 02 वर्षों में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा। इसमें आरडीएसएस योजना अंतर्गत 17 हजार करोड़ रूपये, बिजनेस प्लान के तहत 05 हजार करोड़ रूपये तथा नगरीय निकायों में विद्युत तंत्र के विकास हेतु 01 हजार करोड़ रूपये के अनुरक्षण कार्य कराये गये। इसके अंतर्गत पूरे प्रदेश में जर्जर व झूलते हुए तारों को हटाया गया तथा 01 लाख किमी0 तक एबी केबल में बदला गया।

जर्जर व झुके हुए पोल को हटाकर 19 लाख नये खम्भे लगाये गये तथा 06 लाख ट्रांसफार्मर पर कार्य हुआ, इसमें नये ट्रांसफार्मर लगाये गये, क्षमता वृद्धि और मरम्मत का कार्य हुआ। ट्रांसफार्मर जलने पर कार्मिकों की जवाबदेही तय की गयी है। ट्रांसफार्मर के टम्प्रेचर को नार्मल बनाये रखने के लिए पहली बार कूलिंग की भी व्यवस्था की गयी है। इन सभी कार्यों से विद्युत की इस अप्रत्याशित मांग को सकुशल पूरा किया जा रहा, जो कि इसके पहले विद्युत की इतनी आपूर्ति कभी नहीं की गयी। कहा कि सभी विद्युत अधिकारी व कर्मचारी पूरी रात जागकर भीषण गर्मी में एवं लू के थपेड़े झेलकर भी उपभोक्ताओं को अनवरत बिजली देने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं, जो कि बधाई के पात्र हैं। सभी उपभोक्ताओं को ऐसे हालातों में विद्युत कार्मिकों का सहयोग करना चाहिए।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह संकल्प ही नहीं बल्कि दृढ़इच्छा भी है कि प्रदेश को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति मिलेगी। इसके लिए प्रदेश की विद्युत उत्पादन इकाईयों की क्षमता को 06 से 10 प्रतिशत बढ़ाकर बिजली का उत्पादन बढ़ाया गया। जिससे वर्ष 2012-2017 के दौरान की 13 से 14 हजार मेगावाट की जो अधिकतम विद्युत मांग थी वह इस समय की न्यूनतम मांग से कम है। जबकि वर्तमान सरकार ने 1.50 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया गया और 1.25 लाख से अधिक मजरों का विद्युतीकरण किया। प्रदेश के विद्युत संकट को दूर करने के लिए तापीय विद्युत उत्पादन ही नहीं बढ़ाया जा रहा, बल्कि सौर्य ऊर्जा पर भी तेजी से कार्य हो रहा। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 10 हजार मेगावाट क्षमता के सोलर प्लान्ट लगाये जा चुके हैं और इन सभी को ग्रीन कॉरीडोर कनेक्टिविटी भी मिल चुकी है। अब उत्पादन की स्थिति में हैं। 350 मेगावाट सोलर रूफटॉप से विद्युत उत्पादन हो रहा है। मा0 प्रधानमंत्री जी के हर घर सौर्य ऊर्जा के आह्वाहन पर सौर्य ऊर्जा के उत्पादन में तेजी से कार्य हो रहा है। वाराणसी में 2500 घरों को सोलर रूफटॉप से आच्छादित किया जा चुका है।

ऊर्जा मंत्री ने सख्त निर्देश दिये हैं कि विद्युत चोरी करने वाले तथा चोरी करवाने वाले कार्मिकांे के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी, किसी को भी बक्शा नहीं जायेगा। विद्युत चोरी से जहां सरकार को राजस्व का नुकसान होता है वहीं ईमानदार उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति करने में व्यवधान उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 01 अप्रैल, 2023 से किसानांे के निजी नलकूपों के बिजली बिलों को माफ कर दिया है। विगत 04 वर्षों से प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गयी हैं। आगे भी बिजली की दरें न बढ़ें, प्रदेश सरकार का प्रयास रहेगा। प्रदेश की लोक कल्याणकारी सरकार बिजली दरो को बढ़ाने में नहीं बल्कि कम करने में विश्वास करती है।
उन्हांेने कहा कि निर्वाध विद्युत आपूर्ति में आ रहे व्यवधानों व कमियों को भी शीघ्र ही दूर कर लिया जायेगा। ऊर्जा मंत्री ने सभी उपभोक्ताओं से बिजली के संयमित उपभोग की अपील की है। साथ ही सभी विद्युत कार्मिकों, यूपीपीसीएल व डिस्कॉम के प्रबंधन को विपरीत परिस्थितियों में निर्वाध विद्युत आपूर्ति करने के लिए बधाई दी है।

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