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विपक्ष के निशाने पर आई प्रदेश सरकार

भोपाल । पाेषण (opposition targets) आहार व्यवस्था को लेकर महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के बाद विपक्ष के निशाने पर आई प्रदेश सरकार (opposition targets) के दो विभाग मंगलवार को आंकड़ों में उलझे रहे। कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी ने बड़े उद्योगों को दी गई राहत के संबंध में सवाल पूछा था, जिसके जवाब में उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि पांच सालों में उद्योगों को 4194.64 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया।

27 फरवरी 2020 को इस बारे में कलेक्टरों को पत्र लिखा गया। कांग्रेस का सवाल था कि जब ढाई साल में सूची नहीं भेजी गई तो क्या विभाग ने कलेक्टरों को कोई स्मरण-पत्र लिखा तो मंत्री का जवाब था नहीं। विधानसभा के मानसून-सत्र के पहले दिन जब कांग्रेस विधायक हर्ष विजय गेहलोत ने सवाल पूछा कि क्या साल 2019-20 में 11 से 14 साल की स्कूल छोड़ने वाली 2,17,211 बच्चियों को टेक होम राशन दिया गया।

पटवारी ने कहा कि भाजपा के पास विधायकों को खरीदने के लिए तो पैसा हैं लेकिन किसानों की उपज खरीदने के लिए नहीं। किसानों की उपज की लागत तक नहीं निकल पा रही है। कलेक्टरों से कहा गया था कि वे प्रत्येक जिले से इस संदर्भ में जिला कार्यक्रम अधिकारी और महिला बाल विकास विभाग से सूची प्राप्त करें।

जबकि स्कूल शिक्षा विभाग 8660 को टेक होम राशन की बात मानता है। पूर्व मंत्री व विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि किसानों को लहसुन की कीमत 1 रुपए किलो मिल रही है जिससे उन्हें फसल सड़कों पर फेंकना पड़ रही है। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार बाेल पड़े कि मैं महिला बाल विकास के इस आंकड़े को सही नहीं मानता। मंत्री ने अपने जवाब में यह भी माना कि सभी 52 जिलों के कलेक्टरों को शाला त्यागी 11 से 14 साल की बच्चियों की जानकारी मांगी है लेकिन जवाब नहीं आया है।

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