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Sri Lanka : विपक्ष के नेता प्रेमदासा का दावा, जाने पूरी खबर

कोलंबो। Sri Lanka : विपक्ष के नेता प्रेमदासा का दावा, जाने पूरी खबर श्रीलंका के विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने बुधवार को दावा किया कि संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धने ने आश्वासन दिया है कि अगर सभी राजनीतिक दल उनसे अनुरोध करते हैं तो राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। मीडिया रिपोर्टों में बुधवार को कहा गया है। श्रीलंका के बिगड़ते आर्थिक संकट से निपटने में सरकार की लापरवाही को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की मांग बढ़ रही है।

Sri Lanka : अध्यक्ष अबेवर्धने ने ऐसे बयान से किया इनकार

डेली मिरर अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि अध्यक्ष अबेवर्धने ने इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा था कि राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने सफाई दी कि सोशल मीडिया पर एक खबर चल रही है कि मैंने पार्टी के नेताओं को राष्ट्रपति के इस्तीफे की इच्छा के बारे में सूचित किया है, यदि वे (पार्टी नेता) अनुरोध करते हैं। मैंने केवल इतना कहा है कि राष्ट्रपति बहुमत वाले किसी भी व्यक्ति को सरकार सौंपने के लिए तैयार हैं। नेता प्रतिपक्ष प्रेमदासा ने दोहराया कि अध्यक्ष अबेवर्धने ने पार्टी नेताओं की बैठक में यह बात कही थी।

Sri Lanka : संसद अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति राजपक्षे इस्तीफा देने के लिए हैं तैयार

उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा था कि उनके सदन के सभी पार्टी नेता जाकर उन्हें पद छोड़ने के लिए कहें, वह इसके लिए तैयार हैं। हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं। आप हमें अवसर दें। विपक्ष में हम सभी सर्वसम्मति से यह बयान देने के लिए तैयार हैं। प्रेमदासा ने कहा, आपने जो कहा मैं उसे गलत तरीके से बयां करने की मूर्खता नहीं कर सकता। अपने बयान से इनकार न करें। आप झूठे हैं। वहीं. अध्यक्ष ने कहा कि प्रेमदासा साफ झूठ बोल रहे हैं। मुख्य विपक्षी सचेतक लक्ष्मण किरीला ने भी इस बात की पुष्टि की कि अध्यक्ष ने कुछ नहीं कहा है। पार्टी के नेताओं के एक सर्वसम्मत आह्वान में राष्ट्रपति राजपक्षे के बड़े भाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना को शामिल करना होगा।

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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह संभावना नहीं है कि एसएलपीपी इस तरह के आह्वान का समर्थन करेगी। दिवालियेपन के कगार पर खड़ा श्रीलंका एक अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल से जूझ रहा है। 1948 में ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता के बाद से यह उसका सबसे खराब दौर है। संकट विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ है। इसके चलते देश में विरोध-प्रदर्शनों का दौर चल रहा है और गोटाबाया के इस्तीफे की मांग की जा रही है।

तीन और सांसदों के समर्थन वापस लेने से राजपक्षे सरकार को झटका

इस्तीफा देने के दबाव से जूझ रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार को तीन सांसदों के समर्थन वापस लेने के कारण बुधवार को एक और झटके का सामना करना पड़ा। इस महीने की शुरुआत में 156 सांसदों में से 39 ने राजपक्षे सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। अलग होने वाले समूह ने एलान किया था कि वह 225 सदस्यीय संसद में विपक्ष समेत किसी भी गठबंधन का साथ नहीं देगा। यह स्वतंत्र समूह सत्ता पर काबिज राजपक्षे परिवार के इस्तीफे समेत एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन की मांग कर रहा है। श्रीलंका मुस्लिम काउंसिल (एसएलएमसी) के सांसद फैजल कासिम ने संसद बताया है कि वह सांसद इशाक रहमान और एमएस तौफीक के साथ सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे।

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