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सपा का ‘लड़का’ हुआ आगबबूला(सपा-का) 

भोपाल. उत्‍तर प्रदेश के वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में ‘यूपी के दो लड़के’ का नारा काफी मशहूर हुआ था. ये लड़के थे अखिलेश उत्‍तर प्रदेश के वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में ‘यूपी के दो लड़के’  (सपा-का)  का नारा काफी मशहूर हुआ था. ये लड़के थे अखिलेश  उत्‍तर प्रदेश के वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में ‘यूपी के दो लड़के’ का नारा काफी मशहूर हुआ था. ये लड़के थे अखिलेश उत्‍तर प्रदेश के वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में ‘यूपी के दो लड़के’ का नारा काफी मशहूर हुआ था. ये लड़के थे अखिलेशउत्‍तर प्रदेश के वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में ‘यूपी के दो लड़के’ का नारा काफी मशहूर हुआ था. ये लड़के थे अखिलेश यादव और राहुल गांधी. यादव और राहुल गांधी. मध्‍य प्रदेश विधानसभा चुनाव-2023 में सीट बंटवारे को लेकर अब इन्‍हीं दोनों ‘लड़के’ की पार्टियों (सपा और कांग्रेस) के बीच राजनीतिक घमासान मचा हुआ है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची में 144 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए थे. वहीं, दूसरी सूची में कांग्रेस ने 88 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. दोनों लिस्‍ट में I.N.D.I.A. के घटक दल समाजवादी पार्टी के लिए सीटें नहीं छोड़ी गईं.

अब कांग्रेस पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का गुस्सा फूटा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर हुई बैठक के बाद भी कांग्रेस ने सपा को एक भी सीट नहीं दी, जिसके बाद अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में खुलकर समर्थन नहीं देने की बात कही है. अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में सपा के साथ जो व्यवहार किया, वैसा हीं व्यवहार सपा उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ करेगी.

दरअसल कांग्रेस के साथ सपा नेताओं की मध्यप्रदेश में 6 सीटों को लेकर मीटिंग में तय किया गया था, जिसमें सीट पर दावें का आधार भी बताया गया था. मगर कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया. मीटिंग में जिन 6 सीटों पर चर्चा की गई थी उन सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में सपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. वहीं कांग्रेस की पहली लिस्ट आने से पहले सपा ने 7 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की थी, लेकिन कांग्रेस की लिस्ट में सभी सीटों पर उम्मीदवार घोषित होने के बाद 22 नए उम्मीवारों के नामों का ऐलान कर दिया. इसमें कांग्रेस से टिकट काटे गए उम्मीदवारों के नाम भी शामिल है.

उम्मीदवारों को लेकर क्या बोले अखिलेश
कांग्रेस द्वारा सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने के बाद अखिलेश ने कहा कि यदि उन्हें पता होता कि कांग्रेस धोखा देगी तो वह ना तो सपा नेताओं को मध्यप्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से मिलने पहुंचाते, ना ही उनसे प्रत्याशियों के नाम की चर्चा करते और ना ही कांग्रेसी नेताओं के फोन उठाते. कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर हुई बैठक के बाद भी सपा को एक भी सीट चुनाव के लिए नहीं दिए जाने के बाद से सपा प्रमुख लगातार कांग्रेस पर हमलावर है.

सपा-कांग्रेस का पुराना किस्सा आया याद
इन्हीं सब के बीच राजनीतिक गलियारे में सपा-कांग्रेस के बीच हुआ एक पुराना किस्सा फिर चर्चा में आया है. दरअसल साल 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सपा और कांग्रेस ने साथ मिलकर लड़ा था. हालांकि यह गठबंधन किसी काम नहीं आ सका और मोदी लहर में सपा विधानसभा चुनाव में 224 से सीधे 47 पर पहुंच गई थी. वहीं कांग्रेस भी 28 से 7 पर आ गई थी. सीएम बने योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम बने केशव प्रसाद मौर्य ने अपनी लोकसभा सीट गोरखपुर और फूलपुर से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद साल 2018 में इन सीटों पर साथ चुनाव लड़ने के लिए अखिलेश ने राहुल गांधी को फोन किया, लेकिन राहुल ने उनका फोन उठाया. ना ही पलट कर कॉल किया. सपा और कांग्रेस ने दोनों सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे. हालांकि परिणाम के रूप में सपा के दोनों प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी.

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