5 मई से शुरू होगा विशेष मृदा नमूना संकलन अभियान, किसानों को मिलेगा मृदा स्वास्थ्य कार्ड !

लखनऊ -: प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को जानकारी दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 5 मई 2025 से पूरे उत्तर प्रदेश में विशेष मृदा नमूना संकलन अभियान शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य मिट्टी की सेहत में सुधार कर किसानों को उसकी गुणवत्ता की सटीक जानकारी देना और खरीफ सीजन के लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करना है।
अपने राजकीय आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत वर्ष 2025 में प्रदेश की 16,520 ग्राम पंचायतों को संतृप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2023 में 4,850 और 2024 में 8,260 पंचायतों में यह कार्य पूरा किया जा चुका है। अब शेष पंचायतों से नमूने संग्रह कर उन्हें भी योजना के दायरे में लाया जाएगा। प्रत्येक पंचायत से 100 नमूने लिये जाएंगे।
मंत्री ने बताया कि खरीफ सीजन में 11,564 ग्राम पंचायतों से 11.56 लाख नमूने और रबी सीजन में 4,956 ग्राम पंचायतों से 4.96 लाख नमूने संकलित किए जाएंगे। इस कार्य में 7,500 क्षेत्रीय कृषि प्रसार कर्मी, 1,000 प्रयोगशाला कर्मचारी और 7,684 प्रशिक्षित कृषि सखियों को जोड़ा गया है। प्रत्येक कृषि सखी को प्रति नमूना 15 रुपये का मानदेय दिया जाएगा।उन्होंने बताया कि अब तक 21, 25 और 29 अप्रैल को तीन विशेष अभियानों के माध्यम से 3.60 लाख नमूने एकत्र कर प्रयोगशालाओं में भेजे जा चुके हैं। इन सभी नमूनों का विवरण मृदा स्वास्थ्य पोर्टल पर उपलब्ध है। विशेष अभियान के दौरान प्रत्येक जनपद में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। नोडल अधिकारियों की निगरानी में कृषि प्रसार कर्मी, प्रयोगशाला अधिकारी और कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक समन्वित रूप से कार्य करेंगे।
मंत्री शाही ने बताया कि अब तक हुए परीक्षणों से यह स्पष्ट हुआ है कि प्रदेश की मिट्टी में जीवांश कार्बन की मात्रा 0.25 से 0.50 प्रतिशत के बीच है, और इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक और आयरन की कमी पाई गई है। किसानों को 12 मानकों पर आधारित निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए जाएंगे, जिससे वे वैज्ञानिक और संतुलित तरीके से उर्वरकों का प्रयोग कर सकें।कृषि मंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और अपनी भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड में दी गई सलाहों का पालन करें। इससे उन्हें बेहतर उत्पादन मिलेगा और अधिक पोषण वाली फसलें उगाई जा सकेंगी।