सपा ने सादगी से मनाई जयप्रकाश नारायण की 118वीं जयंती
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की 118वीं जयंती समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों के पार्टी कार्यालयों में सादगी से मनाई गई। समाजवादी पार्टी के जिला मुख्यालयों पर श्री जयप्रकाश जी के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ राजनीति में उनके योगदान पर चर्चा की गई। राजधानी लखनऊ में जेपी इंटरनेशनल सेंटर में स्थापित जयप्रकाश जी की प्रतिमा पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी तथा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने माल्यार्पण किया। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में भी श्री जयप्रकाश जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनको नमन किया गया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने बयान में देश के नवनिर्माण के लिए सम्पूर्ण क्रांति की अलख जगाने वाले स्वतंत्रता सेनानी एवं भारतीय राजनीति के युग पुरूष लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जयंती पर शत-शत नमन किया है। अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में मजबूत नहीं मजबूर सरकार है। हर मोर्चे पर यह विफल है। समाजवादी सरकार के समय हुए विकासकार्यों से भाजपा चिढ़ी हुई है। अन्यथा लोकनायक जेपी अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र की उपेक्षा से क्या संकेत मिलता है? प्रदेश के भव्य स्थलों में से एक यह केन्द्र भाजपा सरकार की आंखो में खटक रहा है इसीलिए उसको बर्बाद किया जा रहा है। रख रखाव के अभाव में परिसर में झाड़ झंखाड़ उग आया है। पत्थर टूटने लगे हैं। संग्रहालय बंद पड़ा है। समाजवादी सरकार के समय जो थोड़ा काम रह गया था उसके लिए भाजपा सरकार बजट नहीं दे रही है। इससे जाहिर है कि भाजपा सरकार और इसके नेतृत्व की मानसिकता कितनी निम्न स्तरीय हैं वह प्रदेश को विकास के नहीं, विनाश के रास्ते पर ले जाना चाहती है। श्री यादव ने कहा कि चूंकि भाजपा नेतृत्व का स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान था। इसलिए उन्हें जेपी सेंटर की महत्त्व और आवश्यकता का क्या अंदाजा हो सकता है? यह सेंटर लोकतंत्र की प्राण प्रतिष्ठा का मंदिर होता जहां भारत के गौरवशाली अतीत के साथ समाजवादी विचारधारा का भी इतिहास अंकित किया गया है। उच्चस्तरीय विमर्श और शोध के लिए यह केन्द्र अत्यंत उपयोगी है। भाजपा ने अपनी कृतघ्नता में इसे खण्डहर बना दिया है और अब उसकी मंशा औनेपौने दाम में बेंचकर लोकतंत्र रक्षक सेनानी की निशानी भी मिटा देने की है। अखिलेश यादव ने कहा कि सत्ता को संविधान की परिधि में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। संविधान किसी को भी मनमानी और स्वेच्छाचारी आचरण की अनुमति नहीं देता है। सत्ता द्वारा जनता का अपमान करने अथवा विपक्ष के प्रति रागद्वेष की भावना से लोकतंत्र आहत होता है। सत्ता के शीर्श पर बैठे लोग विपक्ष को अपमानित करेंगे तो लोकतंत्र का सम्मान कैसे बचेगा? विपक्ष पर डीएनए जैसे अप्रासंगिक आरोप लगने से विपक्ष कमजोर नहीं होगा। श्री यादव ने कहा लोकनायक की यही लड़ाई थी सत्ता की मनमानी के विरूद्ध। लोकतंत्र सत्ता के लिए नहीं जनता के भले के लिए होता है। लोकराज चलाने के लिए लोकलाज का आचरण करना सीखना चाहिए। लोकनायक में तनिक भी सत्ता लिप्सा नहीं थी। वे जनतांत्रिक मान्यताओं के लिए समर्पित थे। उनके जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।