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कहीं कब्र के लिए गड्ढे, तो कहीं कब्र जितने गहरे गड्ढे – सदर उन्नाव

  • जनपद उन्नाव के शहर की स्थिति गाड़ी से तो छोड़ो पैदल तक चलने की स्थिति में सड़के नहीं रही।
  • जहां भारत सरकार की प्रिय श्रेष्ठ अमृत जल योजना शहर की छोटी हो या बड़ी सड़क व गलियों तक जगह-जगह गड्ढे में तब्दील हुई पड़ी है।
  •  वही इस योजना के अंतर्गत हर दूसरे दिन प्रत्येक गली का यह हाल होता है की कही आज गड्ढा खोदा जाता है तो कहीं दूसरी जगह।
    * जहां आम जनमानस का पैदल चलना भी नामुमकिन सा दिखता है।
  • बताते हैं कि अमृत जल योजना जो खुले आम भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गई उसमें किए गए घटिया कार्य व घटिया सामग्री का उपयोग होना शहर की सड़कों को बद से बतर बनाना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य रहा।
  • जनपद में इस योजना की अगर कोई उच्चस्तरीय जांच कराई जाए तो शहर की कोई भी सड़क व गली ऐसी भी जिसमें गड्ढे ना हो , और जो सड़क खोदकर उसका अस्तित्व न खत्म किया गया हो यह नमुकीन है|
  • गड्ढे तो इस कदर है कि आप कहीं भी किसी भी गली में देख सकते हैं कि कहीं ना कहीं इस योजना के ठेकेदारों द्वारा गड्ढा खोदकर डाल दिया जाता है।
  •  यह बताया जाता है कि अभी सामान नहीं है सामान बुक कराया गया है जैसे आ जाएगा वैसे तब इसका लीकेज सही किया जाएगा।
  • तब तक यह गड्ढे खुदे पड़ें रहते हैं और या गड्ढे इतने गहरे होते हैं की दुर्भाग्य वस यह गड्ढे किसी कब्र से कही ज्यादा गहरे गड्ढे खुदे होते हैं।
  • और जो सड़कों का हाल है वो आमनागरिक अगर पैदल चलने में थोड़ा भी अनदेखा किया तो यहा की सड़के उसकी कब्र तक पहुंचने में पीछे नहीं हटेंगी।
  • अमृत जल योजना को जनपद में संपन्न करने वाले ठेकेदार व फर्म किसी विधायक जी के नजदीकी व रिश्तेदार बताए जाते हैं।
  • जिसके चलते आम जनमानस कि इस दुर्लभ समस्या को जिला प्रशासन ने भी अनदेखा कर अपनी आंखों पर पट्टी बांध रखी है।
  • जबकि यह माह हिंदू व मुस्लिम समाज के लिए पर्व का विशेष माह है।
  •  जिसके चलते जहां आम नागरिक त्रस्त है ठेकेदार और विधायक जी मस्त है।

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