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समाज में अविश्वास पैदा ( create mistrust) करने की साजिश रच रहीं कुछ ताकतें

समालखा (हरियाणा). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था ने सोमवार को कहा कि विश्व में कुछ ताकतें ‘‘भारतीय’’ पुनरुत्थान को स्वीकार नहीं कर रहीं, वे देश के भीतर एवं बाहर ‘‘हिंदुत्व विचार’’ का विरोध कर रही हैं और समाज में आपसी अविश्वास एवं अराजकता पैदा ( create mistrust)  करने के लिए ‘‘नए षड्यंत्र’’ रच रही हैं.

आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने कहा कि इस प्रकार की ताकतों के मंसूबों को विफल करने की आवश्यकता है. एबीपीएसने यहां अपनी बैठक में एक प्रस्ताव पारित करते हुए लोगों से विभाजनकारी ताकतों को लेकर सतर्क रहने का आग्रह किया.

उसने कहा, ‘एबीपीएस इस तथ्य को रेखांकित करना चाहती है कि जहां कई देश भारत के लिए सम्मान और सद्भावना रखते हैं, वहीं दुनिया की कुछ ताकतें अपने ‘स्व’ या स्वार्थ के आधार पर इस भारतीय पुनरुत्थान को स्वीकार नहीं कर रही.’
एबीपीएस ने कहा, ‘हिंदुत्व के विचार का विरोध करने वाली देश के भीतर और बाहर की अनेक ताकतें निहित स्वार्थों और भेदों को उभार कर समाज में परस्पर अविश्वास, तंत्र के प्रति अविश्वास और अराजकता पैदा करने हेतु नए-नए षड्यंत्र रच रही हैं. हमें इन सबके प्रति जागरूक रहते हुए उनके मतों को भी विफल करना होगा.’

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