उत्तर प्रदेश

देश के हर कोने से मिट्टी एकत्र की गई, जिसे एक कलश में रखकर आजादी का अमृत महोत्सव के समापन अवसर पर समारोहपूर्वक अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक में स्थावपित किया जाएगा !

“मेरी माटी मेरा देश” (एमएमएमडी) अभियान देशभर में अमृत कलश यात्राओं के साथ अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रहा है। इस अखिल भारतीय सम्‍पर्क पहल का लक्ष्य देश के हर घर तक पहुंचना रहा। इस महत्वपूर्ण सहयोगात्मक प्रयास के दौरान इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा कोयला मंत्रालय समे‍त कई मंत्रालय, राज्य सरकारें, नेहरू युवा केंद्र संगठन, क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और भारतीय डाक ने गांव तथा ब्लॉक स्तर पर हर घर से मिट्टी एकत्र कर रहे हैं। यह संयुक्त पहल इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उनके समर्पण को ही रेखांकित नहीं करती, बल्कि सामुदायिक सेवा और राष्ट्र-निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करती है। संस्कृति मंत्रालय के क्षेत्रीय संस्कृति केंद्र भी देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान के बारे में जागरूकता पैदा करने और बेहतर सम्‍पर्क कायम करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। 4419 से अधिक ब्लॉक पहले ही मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम का आयोजन कर चुके हैं और इसमें जनता की शानदार भागीदारी रही है।

राष्‍ट्रव्‍यापी “मेरी माटी मेरा देश” अभियान देश के वीरों को सम्‍मानित करने के लिए 9 अगस्त, 2023 को शुरू किया गया था। अदम्‍य साहस का परिचय देने वाले उन साहसी व्यक्तियों को ‘वीर’ की संज्ञा दी गई है, जिन्‍होंने राष्‍ट्र की सेवा में अपने प्राणों का बलिदान दिया। यह पहल ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के समापन का प्रतीक है, जो 12 मार्च, 2021 को शुरू हुआ था। इसके तहत पूरे भारत में दो लाख से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें बड़े पैमाने पर जनभागीदारी देखी गई। मेरी माटी मेरा देश अभियान के प्रारंभिक चरण के दौरान व्यापक पहुंच और महत्वपूर्ण जनभागीदारी के साथ उल्लेखनीय सफलता हासिल हुई।

आज तक, 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 2,33,000 से अधिक शिलाफलकम स्‍मारकों का निर्माण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, पंच प्रण प्रतिज्ञा के साथ लगभग चार करोड़ सेल्फी वेबसाइट पर अपलोड की चुकी हैं। अभियान के दौरान देशभर में वीरों का सम्मान करते हुए 200,000 से अधिक अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किए गए। वसुधा वंदन थीम के अंतर्गत, 23 करोड़ 60 लाख से अधिक स्वदेशी पौधे लगाए गए हैं, और दो लाख 63 हजार अमृत वाटिकाएं बनाई गई हैं।

अमृत कलश यात्राएं 30 और 31 अक्टूबर, 2023 कर्तव्य पथ पर आयोजित एक भव्य समारोह में पहुंचेंगी। इस राष्ट्रव्यापी पहल की भव्य परिणति के अवसर पर हमारे राष्ट्र की एकता और विविधता के प्रतीक एक स्मारकीय कलश को अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक में स्‍थापित किया जाएगा, जिसमें देश के कोने-कोने से एकत्रित मिट्टी को मिश्रित किया जाएगा।

इस अवसर पर जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रकाश और ध्वनि शो का आयोजन किया जाएगा, जो उपस्थित लोगों के लिए एक अद्भुत अनुभव होगा। विशेष रूप से क्यूरेटेड स्‍थलों पर प्रतिभागियों के मन में इस ऐतिहासिक अभियान का सार समझने, राष्ट्र की सामूहिक भावना से जुड़ने और आजादी का अमृत महोत्सव के प्रति सम्मान व्‍यक्‍त करते हुए अपनी विरासत से जुड़ने का भाव उत्‍पन्‍न होगा।

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