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वायु प्रदूषण रोकने के लिए पांच फोकस बिंदुओं पर काम करेंगे छह विभाग, जानें क्‍या है प्‍लान ?

ऋषिकेश -:  तीर्थनगरी के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) को बेहतर बनाए रखने के लिए छह विभाग पांच फोकस बिंदुओं पर काम करेंगे। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को लेकर दो साल की कार्ययोजना पर नगर निगम में नोडल विभागों के अधिकारियों ने गुरुवार को सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट की अध्यक्षता में इस पर मंथन किया। इस वर्ष इस कार्यक्रम में 4.53 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।बता दें कि वर्ष 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया गया था ।

जिसके तहत उत्तराखंड में तीन शहर देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर चयनित हैं। अब तक इस कार्यक्रम पर 5.76 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। अगले दो साल की कार्ययोजना को धरातल पर उतारने के लिए गुरुवार को सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट की अध्यक्षता में नोडल विभागों की बैठक हुई। इसमें योजना की अब तक की प्रगति पर चर्चा की गई।

ऋषिकेश में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए छह विभाग मिलकर काम करेंगे। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत दो साल की कार्ययोजना बनाई गई है। इस पर 4.53 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

           पांच फोकस बिंदुओं पर काम होगा जिसमें सड़क किनारे धूल-मिट्टी से बचाव हरियाली बढ़ाना यातायात प्रबंधन में सुधार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा और दाह संस्कार में इलेक्ट्रिक मशीन का इस्तेमाल शामिल है।

  1. 03 शहर चयनित किए गए हैं राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में उत्तराखंड के
  2. 02 साल की कार्ययोजना पर विभागों के अफसरों की ओर से किया गया मंथन
  3. 4.53 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे अगले एक साल के अंदर कार्यक्रम पर

ऋषिकेश शहर का एक्यूआइ औसत 76

बैठक में बताया गया कि ऋषिकेश शहर का एक्यूआइ औसत 76 है। हवा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए आने वाले दिनों में किए जाने वाले कामों पर विभागों ने अपने सुझाव दिए। इसमें पांच फोकस एरिया तय किए गए। वर्ष 2025 में इस कार्यक्रम पर 4.53 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सहायक नगर आयुक्त चंद्रकांत भट्ट ने बताया कि पूरे देश में 131 शहरों को कार्यक्रम के लिए चुना गया है। उत्तराखंड के तीन शहरों में ऋषिकेश भी शामिल है। पर्यटकों-श्रद्धालुओं के लगातार आवागमन के चलते शहर में फ्लोटिंग आबादी बढ़ जाती है।

यह रहेंगे फोकस बिंदू

  • सड़क किनारे धूल-मिट्टी से बचाव को टाइल्स लगाना
  • शहर में जगह-जगह हरियाली को बढ़ाना
  • यातायात प्रबंध को बेहतर करना
  • इलेक्ट्रिक संचालित वाहनों को बढ़ावा देना
  • दाह संस्कार में इलेक्ट्रिक मशीन की व्यवस्था

यह विभाग हैं शामिल

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग, पूर्ति विभाग, यातायात पुलिस शामिल हैं। नगर आयुक्त इसके नोडल अधिकारी हैं। अलग-अलग विभागों की अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। नगर निगम कूड़ा निस्तारण, निर्माण, वन विभाग पौधारोपरण, यातायात पुलिस याताया प्रबंधन का काम देखेगी। अन्य विभागों को भी अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।

सिटी फारेस्ट के लिए नहीं मिली भूमि
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को लेकर शहर में सिटी फारेस्ट भी बनाया जाना है। इसके लिए 10 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। नगर निगम के पास शहर में इतनी जमीन नहीं है। इसलिए वर्टिकल गार्डन बनाए जा रहे हैं। चंद्रभागा के पास इसे बना दिया गया है। और जगह भी निगम इस पर काम कर रहा है।
तीन चौकों पर लगेंगे पानी के फव्वारे
हवा में उड़ते धूल-मिट्टी के कंण वायु प्रदूषण बढ़ाते हैं। इससे निपटने के लिए गौरा देवी चौक, इंद्रमणि बड़ोनी चौक और आंबेडकर चौक पर पानी के फव्वारे लगाए जाएंगे। इन फव्वारों को चलाकर पानी से हवा में धूल के कंणों को साफ किया जाएगा। यह शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में एक हैं। इन पर जल्द काम शुरू किया जाएगा।

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