बिहार

जातीय सर्वे रिपोर्ट के साइड इफेक्ट(जातीय सर्वे )

पटना. बिहार सरकार ने जातिगत गणना (जातीय सर्वे ) सर्वे की जो रिपोर्ट सार्वजनिक की है इससे अनुसार, प्रदेश की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है. जिसमें सबसे अधिक 63% ओबीसी वर्ग की जनसंख्या है. वहीं, अनुसूचित जाति यानी SC 19%, जबकि बिहार में मुस्लिमों की आबादी 17.7 प्रतिशत है. यादव समुदाय की संख्या 14.27 प्रतिशत है. ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोग बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग कर रहे हैं और सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर “मुस्लिम मुख्यमंत्री” हैशटैग चलाया जा रहा है. इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ा और दलित डिप्टी सीएम बनाने की मांग कर राजनीति को नया मोड़ दे दिया है.

कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने जातीय आंकड़े पर बड़ा बयान देते हुए प्रदेश में अल्पसंख्यक, अतिपिछड़ा और दलित डिप्टी सीएम बनाने की मांग की है. उन्होंने ‘जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिसेदारी’ के तहत जगह देने और सीएम नीतीश को परोपकार अपने घर से ही शुरू करने की सलाह भी दी है.

दूसरी ओर जातीय आंकड़ों के जारी होने के साथ ही जिसकी ‘जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ की मांग सोशल मीडिया में भी जोर पकड़ रही है. दरअसल, सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में मुस्लिमों की संख्या 17 प्रतिशत से ज्यादा है. ऐसे में बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग उठने लगी है. इसको लेकर एक्स पर “मुस्लिम मुख्यमंत्री” हैशटैग चलाया जा रहा है.

बिहार में यादवों की जनसंख्या 14.27% है, मुस्लिम की जनसंख्या 17.7% है. राजद के M-Y फॉर्मूले के हिसाब से ये दोनों मिलकर 31.97 प्रतिशत है. ऐसे में मुस्लिम मुख्यमंत्री होना चाहिए, क्‍या ऐसा होगा? वहीं, एक ने लिखा, बिल्कुल 2.65% की आबादी वाले कुर्मी समाज से मुख्यमंत्री होना 98% वालों के साथ अन्याय है. सबसे बड़ी आबादी मुस्लिमों की है तो मुस्लिम मुख्यमंत्री होना चाहिए.

यहां यह भी बता दें कि बिहार सरकार की तरफ से जारी जातीय गणना के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में 81.99 प्रतिशत हिंदू आबादी है, वहीं 17.70% मुस्लिम जनसंख्या है. प्रदेश में 0.05% ईसाई, 0.01% सिख और 0.08 बौद्ध हैं. जातियों में सबसे ज्यादा यादव 14.26 प्रतिशत लोग हैं. इसके बाद कुशवाहा (कोइरी) 4.21%, ब्राह्मण 3.65%, राजपूत 3.45%, मुसहर 3.8%, कुर्मी 2.87%, भूमिहार 2.86%, मल्लाह 2.60%, बनिया 2.31% हैं.

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