धर्म - अध्यात्म

दुर्गा देवी मंदिर पर चल रहे शतचंडी महायज्ञ व श्रीमद् भागवत कथा

कुसमरा। शारदीय नवरात्र के मौके पर नगर के नरायच धाम दुर्गा देवी मंदिर पर चल रहे शतचंडी महायज्ञ व श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन अंतरराष्ट्रीय युवा संत सुशील जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि भागवत कथा का महात्म्य अगर जीवन में आत्मसात कर लें तो जिंदगी की सारी उलझने खत्म हो जाएंगी। उन्होंने धुंधकारी चरित्र, द्रोपदी, कुंती स्तुति, परीक्षित जन्म एवं शुकदेव कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि भगवान की लीला अपरम्पार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं को धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए उन्होंने कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है। आवश्यकता है निर्मल मन और स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानंद की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण प्रेतयोनि से मुक्ति मिलती है। चित्त की स्थिरता के साथ ही श्रीमदभागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत मनुष्य केे संपूर्ण क्लेश दूर कर उसे भक्ति की ओर अग्रसर करती है। कथा पंडाल में परीक्षत श्रवण कुमार तिवारी, कांति तिवारी, रामनारायण मिश्रा, रामू पाण्डेय, श्रीकृष्ण अवस्थी, पवन तिवारी, जीतू गुप्ता, राधाकृष्ण स्वर्णकार, गिरजाशंकर हलवाई, रतन गुप्ता, राघव पाण्डेय, मनोज सक्सेना आदि लोग मौजूद थे।

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