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पेरिस ओलंपिक में भारत के ध्वजवाहक बने शरत कमल( ध्वजवाहक )

पेरिस ओलंपिक: पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत में अब बस कुछ दिन ही बचे हुए हैं और इस बार 117 भारतीय प्लेयर्स ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं। भारत के पदकों की संख्या भी दोहरे अंक में पहुंचने की उम्मीद है। पिछले बार भारत ने ओलंपिक में कुल 7 मेडल अपने नाम किए थे, जो भारत का एक ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। स्टार भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु इस बार ओपनिंग सेरेमनी में महिला ध्वजवाहक की जिम्मेदारी निभाएंगी। वहीं भारतीय पुरुष दल के ध्वजवाहक  ( ध्वजवाहक ) की जिम्मेदारी टेबल टेनिस खिलाड़ी ए शरत कमल निभाएंगे।

शरत कमल ने कही ये बात
शरत कमल का ये कुल पांचवां ओलंपिक है। लेकिन अभी तक वह मेडल नहीं जीत पाए हैं। इंडिया टीवी के स्पोर्ट्स एडिटर समीप राजगुरु के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा कि पहली बार टेबल टेनिस का एक खिलाड़ी ध्वजवाहक बन रहा है। मेरे लिए, परिवार वालों के लिए ये बहुत बड़ा सम्मान है। पांचवें ओलंपिक में अगर मेडल के साथ वापस जाता हूं, तो यह बड़ी बात होगी।

शरत कमल ने कहा कि जब मैंने 2004 में शुरू किया था। तब मैंने सोचा नहीं था कि इतना लंबा खेल पाऊंगा। रियो ओलंपिक 2016 के बाद मैंने सोचा कि आगे क्या कर सकता हूं। क्योंकि तब मैं 30-32 साल हो चुका था। इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में गोल्ड मेडल जीता था, तो मैं हमेशा शॉर्ट गोल लेकर चला हूं।

साल 2016 के बाद टेबल टेनिस में आया बदलाव: शरत कमल
पेरिस में हम जीतने के इरादे से आए हैं। हम पहली बार सिंगल्स में भी खेल रहे हैं और टीम इवेंट में भी क्वालीफाई किए हैं। हो सकता है पेरिस में चमत्कार हो जाए। धीरे-धीरे टेबल टेनिस आगे बढ़ रहा है और युवा प्लेयर्स अच्छा कर रहे हैं। साल 2016 के बाद टेबल टेनिस में बदलाव आया है। भविष्य में मेडल जरूर आएंगे। खेल गांव में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

शरत कमल ने भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में कई गोल्ड मेडल जीते हैं, लेकिन उनके नाम ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं है। इस बार वह इस कमी को पूरी करना चाहेंगे। 42 साल के इस प्लेयर ने एशियन गेम्स 2018 में भी दो ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए थे।

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