Shankaracharya temple will also be built in Katra!
कटड़ा – श्रीनगर की तर्ज पर माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा में भी Shankaracharyaमंदिर का निर्माण अब जल्द पूरा होने की उम्मीद बंध गई है। वर्ष 1990 में कटड़ा में वैष्णो देवी की पहाड़ी के ठीक सामने एक अन्य पहाड़ी पर Shankaracharya मंदिर बनाने के लिए भवन का शिलान्यास हुआ था। उसके बाद इसका निर्माण कार्य शुरू भी हुआ, लेकिन कुछ लोगों के अदालत में चले जाने से काम अधर में लटक गया। अब स्थानीय लोगों को साथ लेकर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड मंदिर निर्माण के लिए सक्रिय हो गया है।
श्राइन बोर्ड के चेयरमैन और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर लगभग 32 साल से अटके मंदिर निर्माण कार्य को पूरा किया जाना है। खंडहर में बदल चुके भवन के जीर्णोद्धार के साथ भव्य शिवलिंग की स्थापना की जानी है। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर मार्ग को पक्का किया जाएगा और भवन में बिजली-पानी की सुविधा प्रदान की जानी है।
आध्यात्म का प्रमुख केंद्र बनेगा
श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रमेश कुमार ने शनिवार को अन्य अधिकारियों नवनीत सिंह, विश्वजीत सिंह व अन्य के साथ परिसर का दौरा किया। उन्होंने कहा कि यह पवित्र स्थल न केवल तीर्थयात्रियों के लिए आध्यात्म का प्रमुख केंद्र बनेगा बल्कि कटड़ा की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। श्राइन बोर्ड पर्यावरण को पूरी तरह ध्यान में रखते हुए इस स्थल का सुंदरीकरण करेगा।
इस दौरान कटड़ा से पहाड़ी पर जाने वाले ट्रैक पर टाइल लगवाने के साथ विद्युतीकरण, पानी का प्रबंध करेगा। इसके अलावा बेसमेंट हाल का निर्माण करवाने को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए। इस मौके पर कुछ स्थानीय लोग भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि हम भी चाहते हैं कि जल्द निर्माण शुरू हो। बता दें कि कटड़ा के लोग वर्षों से श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर की तर्ज पर यहां भी मंदिर के निर्माण की मांग कर रहे हैं।
यहां स्थित है शंकराचार्य मंदिर :
कटड़ा बस स्टैंड से शंकराचार्य मंदिर के भवन परिसर की दूरी लगभग तीन किलोमीटर है। बस स्टैंड से माता वैष्णो देवी के पुराने रास्ते पर लगभग आधा किलोमीटर चलने के बाद हंसाली गांव से पहाड़ी मार्ग शुरू होता है। कच्चे मार्ग से होते हुए लगभग 2.5 किलोमीटर का सफर तय कर निर्माणाधीन मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। इस स्थल से माता वैष्णो देवी का पर्वत बिल्कुल सामने है। वहीं वैष्णो माता मार्ग पर बाणगंगा से कुछ ऊपर जाने पर भी निर्माणाधीन शंकराचार्य मंदिर दिखता है।