हफ्ते में 5 से 3 बार (sex 5 to 3 times)कर सकते हैं सेक्स

आयुर्वेद : आयुर्वेद को पुराना हेल्थ साइंस माना जाता है। अब भारत ही नहीं विदेशों में भी इसे मानने वाले बढ़ रहे हैं। सेक्स जीवन का अहम हिस्सा है। यह सिर्फ इंटीमेसी के साथ फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर भी प्रभाव डालता है। आयुर्वेद में भी इसके कुछ नियम बताए गए हैं, यहां जानें…
आयुर्वेद के मुताबिक, सेक्शुअल फ्लूड बनने में करीब एक महीना लगता है। इसके लिए शरीर को काफी मेहनत करनी पड़ती है। मॉडर्न साइंस ऑर्गैजम के कई फायदे बताता है जबकि आयुर्वेद के मुताबिक, कुछ परिस्थितियों में ऑर्गैजम अच्छा नहीं होता क्योंकि यह वात को बढ़ाता है।
सेक्स के लिए सर्दियों और वसंत का मौसम अच्छा माना जाता है। जैसा कि बताया गया है कि सेक्स से वात बढ़ता है। गर्मी के मौसम में भी वात बढ़ता है। इसलिए इस समय सेक्स की फ्रीक्वेंसी कम रखनी चाहिए।
आयुर्वेद के मुताबिक जिनको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं है वे सर्दी के मौसम में हफ्ते में 5 से 3 बार सेक्स (sex 5 to 3 times) कर सकते हैं। वहीं गर्मियों में हफ्ते में 1 या 2 बार से ज्यादा सेक्स नही करना चाहिए।
यह वात दोष बढ़ाने वाला माना जाता है, इसलिए सेक्स करने का बेस्ट टाइम सूरज निकलने के बाद से सुबह 10 तक है। या फिर शाम को जल्दी। आयुर्वेद में सेक्स के लिए रात का वक्त सही नहीं माना जाता।
आयुर्वेद के मुताबिक, अगर आपमें स्टैमिना की कमी है तो पूर्णिमा वाले दिन रात 10 बजे से 11 बजे सेक्स करना बेस्ट है। इसके 2 घंटे पहले खाना खा लें।
अगर आप थके हैं, भूखे हैं, प्यासे हैं, गुस्से में हैं या तनाव में हैं तो सेक्स से परहेज करें। वहीं खाना खाकर तुरंत भरे पेट भी सेक्स नहीं करना चाहिए।
गर्मियों की तरह बारिश के मौसम में भी एनर्जी लो रहती है। इस मौसम में भी सेक्स की फ्रीक्वेंसी घटा दें।